Project Sarathi : PGI ने 20 नर्सिंग छात्रों को किया सम्मानित, सेवा का बना अनूठा उदाहरण
चंडीगढ़, 17 दिसंबर
Project Sarathi : पीजीआईएमईआर के प्रोजेक्ट सारथी के अंतर्गत रोगी प्रबंधन में निःस्वार्थ सेवा के लिए राष्ट्रीय नर्सिंग संस्थान (NINE) के 20 एनएसएस स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया। समारोह में पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने छात्रों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सराहा और समाज को लौटाने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “जो कुछ भी दिया नहीं गया, वह खो जाता है। आपके पास कुछ है और आप इसे समाज को नहीं लौटाते, तो वह व्यर्थ हो जाता है। सारथी के माध्यम से आप सिर्फ मरीजों की देखभाल नहीं कर रहे, बल्कि एक बड़े विजन के साथ राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।”फ्लोरेंस नाइटिंगेल के प्रेरणादायक कार्यों का उल्लेख करते हुए प्रो. ने कहा, “फ्लोरेंस नाइटिंगेल की विरासत आपकी निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से जीवित है। आप केवल बीमारों की देखभाल नहीं कर रहे हैं, बल्कि समग्र सेवा की एक विरासत बना रहे हैं।
यह नर्सिंग पेशे के परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।”उन्होंने स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए कहा, सरकारी संस्थान समाज के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. विवेक लाल के साथ डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) श्री पंकज राय, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. विपिन कौशल, वरिष्ठ ए.ओ. (विजिलेंस) श्री घनश्याम दास और NINE की प्रिंसिपल डॉ. सुखपाल कौर उपस्थित रहे।
प्रोजेक्ट सारथी की विशेषताएं
-6 मई, 2024 को लॉन्च किया गया यह प्रोजेक्ट मरीजों के बढ़ते दबाव को प्रबंधित करने के लिए एक स्वयंसेवक-आधारित पहल है।
-अब तक 390 एनएसएस स्वयंसेवक चंडीगढ़ के 9 प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं।
-यह मॉडल देशभर के 700 से अधिक अस्पतालों में अपनाया जा चुका है।
छात्रों के अनुभव
कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवकों ने अपने अनुभव साझा किए। दीपाली, बीएससी नर्सिंग की छात्रा ने कहा, “जब मरीज और उनके परिजन हमें सराहते हैं और आशीर्वाद देते हैं, तो वह क्षण दिल को छू जाता है।” आदिति ने कहा, “इस सेवा के दौरान हमें अपने सिस्टम के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला। अब हम मरीजों की समस्याओं को बेहतर समझते हैं और उनसे अधिक प्रभावी ढंग से संवाद कर पाते हैं।”
नर्सिंग शिक्षा की भूमिका
कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुखपाल कौर, प्रिंसिपल NINE ने पीजीआईएमईआर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अवसर छात्रों को समग्र शिक्षा और दया भाव से युक्त स्वास्थ्यकर्मी बनने में मदद करता है।