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महिला सेना अफसरों पर टिप्प्णी मामले में प्रोफेसर को पंचकूला पेश होने का अल्टीमेटम

04:26 AM May 16, 2025 IST
महिला सेना अफसरों पर टिप्प्णी मामले में प्रोफेसर को पंचकूला पेश होने का अल्टीमेटम
सोनीपत के राई में बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करती महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया। -हप्र
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सोनीपत, 15 मई (हप्र)
हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने राजीव गांधी एजुकेशन सिटी, राई परिसर स्थित अशोका यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर द्वारा महिला अधिकारियों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर आयोग ने 14 मई को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था, मगर वे नहीं पहुंचे। अब उन्हें 23 मई को पंचकूला में उपस्थित होने का अंतिम मौका दिया है। रेनू भाटिया ने चेतावनी दी है कि यदि प्रोफेसर पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चेयरपर्सन रेनू भाटिया बृहस्पतिवार को सैन्य अधिकारियों पर कथित टिप्पणी मामले की जांच के लिए अशोका यूनिवर्सिटी पहुंची थी। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर अली खान ह्यूमैनिटी एंड पॉलिटिकल साइंस विभाग में कार्यरत हैं और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में मुख्य भूमिका निभाने वाली महिला अधिकारियों कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी वर्दीधारी बेटियों को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां कीं। आयोग न केवल वर्दीधारी महिलाओं के अपमान पर बल्कि किसी भी महिला के प्रति की गई इस प्रकार की टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लगाया पक्षपात का आरोप
रेनू भाटिया के अनुसार जब बृहस्पतिवार को अशोका यूनिवर्सिटी पहुंचीं तो उन्हें उम्मीद थी कि प्रोफेसर अपनी गलती स्वीकार करेंगे, लेकिन न तो वे वहां मौजूद थे और न ही प्रशासन ने उनकी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्ट जवाब दिया। वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार समेत अन्य अधिकारी यूनिवर्सिटी में उपस्थित थे जबकि प्रोफेसर को छुट्टी पर बताया गया।
भाटिया कहा कि ऐसा तो नहीं कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को रफादफा करने के लिए जानबूझकर छुट्टी पर भेज दिया हो।
यूनिवर्सिटी में कंडोम मशीन
चेयरपर्सन ने कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपस में कंडोम वेंडिंग मशीन लगी है, इस बारे में खुद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें बताया था। मगर यह बात अलग है कि प्रशासन ने अपनी कही बात को पलटते हुए कहा कि सेनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगी है। इसको लेकर भी महिला आयोग की चेयरपर्सन ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल किया कि 17-18 वर्ष के छात्रों को इस प्रकार की सुविधा देकर किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही है।

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