कार में आग से जले प्रोफेसर, दोनों बेटियों का अंतिम संस्कार
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 4 नवंबर (हप्र)
शनिवार को दिल्ली हाईवे पर शाहाबाद के पास कार हादसे में जल जाने से मारे गए प्रोफेसर व उनकी दोनों बेटियों का सोमवार को सेक्टर-25 स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। नम आंखों से शहरवासियों व मृतक के परिजनों व रिश्तेदारों ने उन्हें विदायगी दी। मृतक प्रोफेसर व उनकी दोनों बेटियों के शव कल सेक्टर-16 अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए गए थे। सोमवार सुबह तीनों के शवों को पहले सेक्टर-7 स्थित इनके घर पर लाकर रखा गया। मृतक संदीप के भाई ने तीनों की चिताओं को अग्नि दी। दिल्ली-अंबाला नेशनल हाईवे-44 पर शनिवार देर रात चलती अर्टिगा कार में आग लगने से मोहाली स्थित चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर संदीप कुमार (37) और उनकी दो बेटियों परी (6) व खुशी (10) की जलकर मौत हो गई थी। कार में सवार प्रोफेसर संदीप की पत्नी लक्ष्मी, मां सुदेश और भाभी आरती को गंभीर हालत में चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती किया गया था, जहां लक्ष्मी और मृतक की मां की हालत गंभीर बनी हुई है। कार चला रहे प्रोफेसर के छोटे भाई सुशील व उनका 10 साल का बेटा यश सुरक्षित हैं।
संदीप की शादी सोनीपत के गांव खांडा की लक्ष्मी से हुई थी। लक्ष्मी ने खानपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की थी। वह भी करीब एक दशक से ही चंडीगढ़ हाईकोर्ट में वकालत कर रही हैं। संदीप व लक्ष्मी के पास बेटी खुशी (6) व परी (4 वर्ष) थीं। वहीं संदीप की मां सुदेश गृहिणी हैं। सुशील चंडीगढ़ में ही चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट यूनिट में चालक हैं और उनकी पत्नी आरती निजी स्कूल में अध्यापिका हैं। उनके पास बेटा यश (10) है। परिवार के सभी आठ सदस्य दिवाली पर्व पर पैतृक गांव रहमाणा में खुशियां मनाने आए थे।
चलती कार की डिग्गी में स्पार्किंग से लगी थी आग
यहां उल्लेखनीय है कि वे शनिवार रात करीब 8. 40 बजे सोनीपत से चंडीगढ़ के लिए चले थे। रात करीब 11 बजे मोहड़ी गांव के पास उनकी चलती कार की डिग्गी में स्पार्किंग की वजह से आग लग गई। इसके बाद कार लॉक हो गई और सभी उसमें फंस गए। इसके बाद आग बढ़ गई और डिग्गी में बैठे सभी बच्चे झुलस गए। कार चालक मृतक के भाई सुशील ने कड़ी मशक्कत के बाद कार लॉक खोला, लेकिन तब तक कार सवार लोग बुरी तरह झुलस गए थे।