Palestine लिखा बैग लेकर पहुंचीं प्रियंका, दिया खास मैसेज, पढ़ें लोकसभा से जुड़े और भी अपडेट
नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा)
Priyanka Gandhi bag: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा फलस्तीन (Palestine) के लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए सोमवार को एक ऐसे हैंडबैग के साथ संसद पहुंची जिस पर ‘फलस्तीन' लिखा हुआ था। वह कई मौकों पर गाजा में इस्राइल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती और फलस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करती रही हैं।
उन्होंने जो हैंडबैग लिया हुआ था उस पर अंग्रेजी में ‘पेलेस्टाइन' (फलस्तीन) लिखे होने के साथ फलस्तीन से जुड़े कई प्रतीक भी बने हुए थे। नई दिल्ली में फलस्तीनी दूतावास प्रमुख आबिद अलरजाक अबू जाजर ने पिछले हफ्ते प्रियंका गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस नेता को केरल के वायनाड से उनकी हालिया चुनाव जीत पर बधाई दी थी।
प्रियंका ने वायनाड में मानव-पशु संघर्ष का विषय लोकसभा में उठाया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मानव-पशु संघर्ष से जुड़ा मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठाया और सरकार से सवाल किया कि क्या प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने लोकसभा में पूरक प्रश्न पूछते हुए यह विषय उठाया। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में मानव-पशु संघर्ष का मुद्दा उठाना चाहूंगी। पिछले साल 90 लोग प्रभावित हुए हैं। कल भी किसी जंगली जानवर ने हमला किया है। इसलिए मैं पूछना चाहती हूं कि सरकार विशेष रूप से किसानों और आम लोगों को क्या मुआवजा देगी?''
कांग्रेस नेता के प्रश्न के उत्तर में पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पूरक प्रश्न का सूचीबद्ध प्रश्न से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, उन्होंने बताया कि प्रशासन और वन विभाग वायनाड में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा किए गए कार्यों की एक प्रति वायनाड की सांसद के साथ साझा की जाएगी।
ई-श्रम पोर्टल पर तीन वर्ष में 30 करोड़ श्रमिक पंजीकृत: सरकार
सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि पिछले तीन वर्ष में ई-श्रम पोर्टल पर करीब 30 करोड़ श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। केद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि तीन वर्ष में ई-श्रम पोर्टल और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ पंजीकृत लोगों की संख्या बढ़ी है।
चौधरी ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में 30 करोड़ से अधिक मजदूरों ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। उनका यह भी कहना था कि वर्ष 2014-15 में 15.84 करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन 2023-24 में यह संख्या 29 करोड़ से अधिक हो गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों और मंत्रियों से संक्षिप्त प्रश्न पूछने और संक्षेप में उत्तर देने के लिए कहा, ताकि मौखिक उत्तर के लिए प्रश्नकाल में सूचीबद्ध सभी 20 प्रश्नों के उत्तर दिये जा सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नये सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने का अवसर दिया जा रहा है। बिरला ने इस बात पर खुशी जताई कि नए सांसद अच्छे सवाल पूछ रहे हैं।
श्रम से संबंधित मामलों के समयबद्ध निस्तारण के लिए कदम उठाया जाए: बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सरकार से कहा कि अदालतों में लंबित श्रम से संबंधित मामलों के समयबद्ध निवारण के लिए कदम उठाया जाए। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया से यह अपील उस वक्त की जब वह अपने मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
बिरला ने कहा, ‘‘श्रम से जुड़े मामले अदालतों में बहुत लंबे समय तक लंबित रहते हैं। एक बार कानून मंत्री से बात करें, इनका समयबद्ध तरीके से निवारण हो। इस पर मंडाविया ने कहा, ‘‘सर, करेंगे।'' कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी यह कहते सुने गए कि दोनों मंत्री बैठकर इसे करेंगे।
लोस में मंगलवार को पेश हो सकता है एकसाथ चुनाव संबंधी विधेयक
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है और फिर इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है। सत्तापक्ष के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024' को लोकसभा में मंगलवार को पेश किए जाने की उम्मीद है।
विधेयक के पेश होने के बाद मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का अनुरोध करेंगे। संयुक्त समिति का गठन विभिन्न दलों के सांसदों की संख्या के मुताबिक आनुपातिक आधार पर किया जाएगा। पदाधिकारी ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को समिति की अध्यक्षता मिलेगी और उसके कई सदस्य इसमें शामिल होंगे।
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति के सदस्य रहे गृह मंत्री अमित शाह विधेयक पेश किए जाने के दौरान निचले सदन में उपस्थित रह सकते हैं। इस उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा के आधार पर यह विधेयक लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी। संसद का वर्तमान शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा।
बांग्लादेश में हिंदुओं को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई करे सरकार, बयान दे
वर्ष 1971 में आज के दिन पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे विजय दिवस का उल्लेख करते हुए सोमवार को लोकसभा में अनेक सदस्यों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि पड़ोसी देश के शासन से बात करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से इस बाबत सदन में बयान देने की भी मांग की।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने शून्यकाल में कहा, ‘‘आज विजय दिवस है। 1971 के युद्ध में शहीद हुए सभी सैनिकों को और देश की जनता को आज के दिन नमन है।'' उन्होंने कहा कि उस युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कठिन से कठिन परिस्थिति में साहस दिखाया और ऐसा नेतृत्व दिखाया जिससे देश की विजय हुई।
कांग्रेस सांसद ने उस युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश के निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि आज पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों हिंदुओ और ईसाइयों पर अत्याचार के खिलाफ इस सरकार को आवाज उठानी चाहिए और बांग्लादेश सरकार से बातचीत करनी चाहिए। विजय दिवस प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को मनाया जाता है। यह 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस व शहीद जवानों के बलिदान को याद करने का दिन है।
शून्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निशिकांत दुबे ने कहा कि 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश बना था और उस समय भारतीय सेना तथा तत्कालीन नेतृत्व ने बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि उस युद्ध में नजरूल इस्लाम और जगजीवन राम जैसे नेताओं के योगदान को इतिहास ने भुला दिया है।
दुबे ने कहा, ‘‘युद्ध के समय इंदिरा जी के योगदान को कोई नकार नहीं रहा, लेकिन जगजीवन राम के योगदान को भी याद रखा जाए।'' तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर कहा, ‘‘मुझे हैरानी है कि सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है। संसद चल रही है। सरकार बयान दे और बताए कि क्या स्थिति है।''
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री या प्रधानमंत्री को सदन में आकर बयान देना चाहिए और बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को बचाया जाना चाहिए। कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी, प्रशांत पडोले और शिवसेना के नरेश म्हास्के ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। पडोले ने पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव की सुरक्षित वापसी के लिए भी प्रयास करने की सरकार से मांग की।