मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

प्रियंका गांधी ने राहत पैकेज को अनुदान में बदलने के लिए पीएम को लिखा पत्र

06:00 AM Feb 25, 2025 IST
प्रियंका गांधी। -फाइल फोटो
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (एजेंसी)कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वायनाड भूस्खलन त्रासदी को लेकर घोषित राहत पैकेज को अनुदान में बदला जाए तथा इसके क्रियान्वयन की अवधि बढ़ाई जाए। उन्होंने ये भी कहा कि 529.50 करोड़ का राहत पैकेज पर्याप्त नहीं है तथा इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करने से वहां के लोगों में निराशा है। वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्र में 30 जुलाई 2024 को हुए भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हुए थे। इस आपदा ने इन दोनों क्षेत्रों को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया था।

Advertisement

वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने तबाही के पीड़ितों के लिए 529.50 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की जो घोषणा की है, वह अपर्याप्त है। वहीं ये पैकेज 2 शर्तों के साथ है। पहली शर्त है कि जो धनराशि वितरित की जाएगी, वो अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि ऋण के रूप में दी जाएगी। दूसरी शर्त है कि राशि को 31 मार्च, 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि ये शर्तें न केवल बेहद अनुचित हैं, बल्कि चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी भी दर्शाती हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि इस भीषण त्रासदी के बाद आपने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आपके दौरे से केंद्र सरकार से काफी आर्थिक मदद की उम्मीदें जगी हैं। दुर्भाग्य से वे अपेक्षाएं पूरी नहीं हुई। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से इनकार करना पीड़ितों के लिए एक बड़ा झटका था। इस अपर्याप्त और सशर्त राहत पैकेज की घोषणा बेहद निराशाजनक है।

कहा- 529.50 करोड़ का पैकेज पर्याप्त नहीं

वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि केरल के सांसदों के लगातार आग्रह के बाद केंद्र सरकार ने तबाही के पीड़ितों के लिए 529.50 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की जो घोषणा की है, वह अपर्याप्त है। वहीं ये पैकेज 2 शर्तों के साथ है। पहली शर्त है कि जो धनराशि वितरित की जाएगी, वो अनुदान के रूप में नहीं, बल्कि ऋण के रूप में दी जाएगी। दूसरी शर्त है कि राशि को 31 मार्च, 2025 तक पूरी तरह से खर्च किया जाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि ये शर्तें न केवल बेहद अनुचित हैं, बल्कि चूरलमाला और मुंडक्कई के लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी भी दर्शाती हैं।

Advertisement

Advertisement