प्रधानाचार्यों का प्रौद्योगिकी के विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर
धर्मशाला, 16 अक्तूबर (निस)
‘द ट्रिब्यून’ ने आज धर्मशाला में चितकारा विश्वविद्यालय के सह-आयोजन में ‘विद्यालयों में प्रौद्योगिकी के एकीकरण : अवसर और चुनौतियां’ पर एक विशेष बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में कांगड़ा और आस-पास के जिलों के 40 से अधिक विद्यालय प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। मुख्य वक्ता के रूप में कॉर्पोरेट ट्रेनर मंजीत सिंह घई ने वैश्विक रुझानों के साथ तालमेल बिठाने के लिए विद्यालयों में प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया।
बैठक में शामिल अधिकांश प्रधानाचार्यों ने सर्वसम्मति से यह विचार रखा कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रौद्योगिकी का समावेश समय की मांग है। कई प्रधानाचार्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी पर भी चर्चा की और प्रौद्योगिकी के सीमित और विवेकपूर्ण उपयोग का समर्थन किया। शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों ने प्रौद्योगिकी के अवसरों और इसके सामने आने वाली चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस युग में नयी शिक्षण-प्रविधियों की आवश्यकता है क्योंकि आज इंटरनेट पर हर जानकारी उपलब्ध है।
हालांकि, कुछ प्रतिभागियों ने आधुनिक उपकरणों के बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव की चिंता भी व्यक्त की। इसके बावजूद, अधिकतर प्रतिभागियों ने प्रौद्योगिकी के उपयोग का समर्थन किया। इसे आज के शिक्षा तंत्र का अभिन्न हिस्सा माना। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को स्वयं को लगातार अद्यतन करना होगा, अन्यथा वे पीछे छूट जाएंगे, क्योंकि आज का युवा तकनीक-प्रेमी है। डीपीएस कांगड़ा की प्रधानाचार्या मीनाक्षी नाग ने कहा, 'नयी शिक्षा नीति के अनुसार, विद्यालयों में प्रौद्योगिकी का पुनः सीखना अत्यंत आवश्यक है। ‘द ट्रिब्यून’ द्वारा इस महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषय पर बैठक आयोजित करने के लिए हम आभारी हैं।' चितकारा विश्वविद्यालय के वक्ताओं ने 21वीं सदी के वैश्विक रुझानों पर गहन जानकारी दी।
पीएम श्री केवी धर्मशाला छावनी की प्रधानाचार्या अनीता कोहली ने कहा, 'बच्चों के जीवन में प्रगति के लिए प्रौद्योगिकी का विवेकपूर्ण उपयोग ही आवश्यक है। स्क्रीन समय का सर्वोत्तम उपयोग किया जाना चाहिए न कि इसे टीवी देखने में व्यर्थ करना।'
भारती विद्यापीठ बैजनाथ के प्रमुख नवनीत डोगरा ने कहा, 'शिक्षा में निवेश एक दीर्घकालिक ब्याज उत्पन्न करता है, जिसे छात्र अपनी पढ़ाई के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।' विवेका फाउंडेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल मन सिम्बल पालमपुर की प्रधानाचार्या डॉ. शालिनी सिंह ने कहा, 'यह एक अद्भुत अनुभव था क्योंकि मुख्य वक्ताओं ने बहुत ही मूल्यवान जानकारी साझा की। प्रौद्योगिकी का उपयोग छात्रों को अपनी क्षमताओं को निखारने के लिए एक अतिरिक्त बढ़त देता है।'
बीडी डीएवी धर्मशाला के प्रधानाचार्य डॉ. विपिन जिस्तु ने कहा, 'यह एक शानदार अवसर था क्योंकि आज की प्रतियोगी दुनिया में प्रौद्योगिकी अनिवार्य हो गई है। नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए संपूर्ण शिक्षा प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है।'
डीएवी स्कूल अंबोटा (ऊना) के प्रधानाचार्य नमित शर्मा ने कहा, 'द ट्रिब्यून और चितकारा द्वारा आयोजित इस शिक्षाप्रद बैठक की सराहना की जानी चाहिए। विद्यालयों में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कौशल विकास प्राथमिकता होनी चाहिए।'