चपरासी के सहारे चल रही प्राथमिक पाठशाला नगाड़ी
प्रेम राज काश्यप/हप्र
रामपुर बुशहर,2 जुलाई
शिक्षा खंड निरमंड के तहत आने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला नगाड़ी (केंद्र बागीपुल) में शिक्षा ग्रहण कर रहे 20 नौनिहालों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इस प्राथमिक पाठशाला में 4 बच्चे पहली कक्षा में, 2 बच्चे दूसरी कक्षा में, 3 बच्चे तीसरी में, 4 बच्चे चौथी में व 6 बच्चे पांचवीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस विद्यालय में पिछले करीब आठ महीने से कोई भी शिक्षक तैनात नहीं है। जिसके चलते स्कूल की शिक्षा समिति ने अपने स्तर पर यहां पढ़ाने के लिए एक लड़की को रखा है, जिसे प्रति छात्र- छात्राओं द्वारा 500 रुपए मासिक फीस अदा की जाती है, परंतु कई छात्र-छात्राएं आर्थिक तंगी के चलते इसे देने में भी असमर्थ हैं।
समिति अध्यक्ष रतन दास ने बताया कि नवंबर,2024 में यहां पर नियमित रूप से तैनात अध्यापक इंद्र सिंह का पदोन्नति के उपरांत कहीं अन्यत्र तबादला हो गया था। इसके बाद 3 अप्रैल को नग्गर (कुल्लू) से रूप लाल जेबीटी का व 19 जून को मेहर दास जेबीटी का तबादला प्राथमिक पाठशाला दोहरा नाला (केंद्र बागीपुल) से यहां के लिए शिक्षा विभाग ने किया था। परंतु ज्वाइनिंग नहीं हुई। यह विद्यालय आज तक मात्र एक चपरासी के सहारे चल रहा है। डेपूटेशन के नाम पर चार-चार दिन के लिए यहां अन्य स्कूलों से अध्यापक तो आते हैं,परंतु वे भी मात्र खाना पूर्ति ही साबित हो रहे हैं। यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों मनोज, विनोद, दसमी राम, तेज राम, नंद लाल, यामा नंद, चेत राम व जय सिंह इत्यादि का कहना है कि वे इसे लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मिले थे, परंतु उनसे भी सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हुआ। समस्त अभिभावकों ने सरकार से शीघ्र इस स्कूल में स्थाई अध्यापक नियुक्त करने की मांग की है ताकि यहां पढ़ रहे नौनिहालों का भविष्य खराब न हो।
अभी भी अध्यापकों के 52 स्थान रिक्त
इस बारे खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी निरमंड वंदना कौशल का कहना है कि प्राथमिक पाठशाला नगाडी में अस्थाई तौर पर अन्य स्कूलों से अध्यापक डेप्युट किए जा रहे हैं। जब तक विभाग द्वारा यहां पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है तब तक इसी तरह से काम चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे निरमंड शिक्षा खंड में अभी भी अध्यापकों की 52 स्थान रिक्त चल रहे हैं। जिसकी जानकारी समय-समय पर उच्च शिक्षा अधिकारियों को प्रेषित की जाती रहती है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में निरमंड खंड के पांच स्कूलों में एक भी शिक्षक तैनात नहीं था परंतु 5 में से 4 स्कूलों में विभाग ने अब शिक्षक नियुक्त कर दिए हैं अब मात्र नगाडी स्कूल ही बीना शिक्षक के रह गया है।