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President's address: राष्ट्रपति ने कहा- भर्तियों व परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता जरूरी

03:08 PM Jun 27, 2024 IST
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नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा)

President's address: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक संबोधित किया। उन्होंने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सरकार के अगले पांच वर्षों का रोडमैप पेश किया।

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राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार पेपर लीक होने की हालिया घटनाओं की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार देश के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने में सक्षम बनाने के लिए माहौल तैयार करने का काम कर रही है। जिस वक्त वह शिक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र कर रही थीं, उस वक्त विपक्ष के कुछ सदस्यों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं को लेकर नारे लगाते सुना गया।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर किसी कारण से परीक्षाओं में बाधा आती है तो यह उचित नहीं है। सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है।''

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पेपर लीक होने की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।''

राष्ट्रपति ने कहा कि पहले भी कुछ राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने इस संदर्भ में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता भी जताई।

राष्ट्रपति ने कहा कि संसद ने भी पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए काम कर रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी।उन्होंने लोकसभा चुनाव के सफल आयोजन के लिए निर्वाचन आयोग को भी बधाई दी।

मुर्मु ने कहा कि कश्मीर में मतदान के कई रिकॉर्ड टूटे; घाटी ने देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया। सरकार कृषि उत्पादों के भंडारण की दिशा में काम कर रही है; कृषि उपजों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है। भारतीय किसान इस मांग को पूरा करने में सक्षम हैं। सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संकल्प ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है।

संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था आपातकाल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश में 1975 में लागू आपातकाल को ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय' बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई।

मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, बीते दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है और जब संविधान बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं, जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं। राष्ट्रपति ने अपने 55 मिनट के अभिभाषण में कहा कि देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘आज 27 जून है। 25 जून, 1975 को लागू हुआ आपातकाल, संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। तब पूरे देश में हाहाकार मच गया था।'' मुर्मू ने कहा कि लेकिन ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर देश ने विजय प्राप्त करके दिखाई, क्योंकि भारत के मूल में गणतंत्र की परंपराएं रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।'' राष्ट्रपति ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां (पहले) अनुच्छेद 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं।

सरकार चाहती हे कि महिलाओं का कौशल, कमाई के साधन और सम्मान बढ़े

महिला नीत विकास पर बल देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार चाहती है कि देश की महिलाओं का कौशल, उनकी कमाई के साधन और उनका सम्मान बढ़े।

मुर्मू ने कहा कि सरकार ने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरूआत की है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘देश की नारी शक्ति लंबे समय से लोकसभा और विधानसभाओं में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी। आज उनके पास नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है।'' उन्होंने दावा किया कि सरकार की योजनाओं की वजह से पिछले एक दशक में महिलाओं का आर्थिक सामर्थ्य बढ़ा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बीते 10 वर्ष में बने चार करोड़ मकानों में से ज्यादातर मकान महिलाओं के नाम ही आबंटित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सरकार ने 3 करोड़ नए घर बनाने को स्वीकृति दे दी है। इनमें से भी अधिकतर घर महिलाओं के नाम पर ही आबंटित होंगे।'' राष्ट्रपति ने कहा कि बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है तथा इसके लिए स्व-सहायता समूहों को आर्थिक मदद भी बढ़ाई जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, उनकी कमाई के साधन बढ़ें और उनका सम्मान बढ़े। नमो ड्रोन दीदी योजना इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन रही है। इस योजना के तहत हज़ारों स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को ड्रोन दिए जा रहे हैं, ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।''

मुर्मू ने कहा कि सरकार ने हाल में ही कृषि सखी कार्यक्रम भी शुरु किया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत अभी तक स्व-सहायता समूहों की 30 हज़ार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं। ‘‘कृषि सखियों को आधुनिक खेती की तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे कृषि को और आधुनिक बनाने में किसानों की मदद कर सकें।''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार का यह भी प्रयास है कि महिलाएं अधिक से अधिक बचत कर सकें। बैंक खातों में जमा राशि पर बेटियों को ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना की लोकप्रियता से हम परिचित हैं।''

राष्ट्रपति ने कहा कि मुफ्त राशन और सस्ते गैस सिलेंडर की योजना से महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब सरकार बिजली का बिल शून्य करने और बिजली बेचकर कमाई करने की योजना भी लाई है। ‘‘प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इसके लिए मेरी सरकार प्रति परिवार 78 हजार रुपए तक की मदद कर रही है। इतने कम समय में एक करोड़ से ज्यादा परिवार इस योजना में रजिस्टर करा चुके हैं। जिन घरों में सोलर पैनल लग चुके हैं अब वहां बिजली का बिल शून्य हो गया है।''

सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता पर बल दिया

सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश का रक्षा निर्यात 18 गुना अधिक हुआ है तथा फिलीपीन के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है।

मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘एक सशक्त भारत के लिए हमारे सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए।''

उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ उनकी सरकार ने पिछले 10 साल में रक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि सीडीएस (प्रमुख रक्षा अध्यक्ष) जैसे सुधारों ने सेनाओं को नयी मजबूती प्रदान की है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि आयुध कारखानों के सुधारों से रक्षा क्षेत्र को बहुत लाभ हुआ है और 40 से अधिक ऐसे कारखानों को सात निगमों में संगठित करने से उनकी क्षमता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं। मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा कि ऐसे सुधारों के कारण भारत आज एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का रक्षा विनिर्माण कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में, हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना अधिक होकर 21 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। फिलीपीन के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है।''

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने युवाओं और उनके ‘स्टार्टअप' को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की मजबूत नींव तैयार की है। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा गलियारे भी विकसित कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी के लिए यह खुशी की बात है कि पिछले वर्ष हमारी सैन्य जरूरतों की लगभग 70 प्रतिशत खरीद भारतीय उद्योगों से ही की गई है। हमारी सेनाओं ने 500 से अधिक सैन्य साजो-सामान को विदेशों से नहीं मंगाना तय किया है। ये सभी हथियार और उपकरण अब सिर्फ भारतीय कंपनियों से ही खरीदे जा रहे हैं।''

मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा सैनिकों के हितों को भी प्राथमिकता दी है, तभी चार दशक के बाद ‘‘वन रैंक वन पेंशन'' को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि इसके तहत अब तक एक लाख 20 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों के सम्मान के लिए सरकार ने कर्तव्यपथ के एक छोर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की स्थापना भी की है। उन्होंने कहा, ‘‘ये प्रयास केवल वीर जवानों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र का नमन ही नहीं हैं, बल्कि राष्ट्र प्रथम की अनवरत प्रेरणा का स्रोत भी हैं।''

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार, उड़ान बढ़ने से छोटे शहरों को फायदा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है और पिछले 10 साल में उड़ान मार्गों में वृद्धि से द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहरों को फायदा हुआ है।

मुर्मू ने कहा कि अप्रैल 2014 में केवल 209 विमानन मार्ग थे, जो अप्रैल 2024 तक बढ़कर 605 हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘विमानन मार्गों में इस वृद्धि से सीधे तौर पर श्रेणी-दो और श्रेणी-तीन के शहरों को फायदा हुआ है।''

उन्होंने कहा कि हवाई यातायात की मांग बढ़ रही है और विमानन कंपनियां अधिक से अधिक लोगों को उड़ान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अपने बेड़े का विस्तार कर रही हैं, साथ ही हवाई अड्डों की संख्या भी बढ़ रही है।

नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई 2024 के बीच घरेलू विमानन कंपनियों ने 661.42 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि के दौरान यह संख्या 636.07 लाख थी।

मुर्मू ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सरकार भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए काम कर रही है।

जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक वैश्विक मुद्दों पर समाधान प्रदान कर रहा भारत

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर टिकाऊ कृषि तक विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर समाधान प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे हरित रोजगार भी बढ़े हैं। हरित ऊर्जा हो या फिर हरित गतिशीलता, हर मोर्चे पर हम बड़े लक्ष्यों के साथ काम कर रहे हैं।''

मुर्मू ने कहा, ‘‘सरकार अपने शहरों को दुनिया में रहने के बेहतरीन स्थान बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। प्रदूषण से मुक्त, साफ-सुथरे और सुविधा युक्त शहरों में रहना भारत के नागरिकों का हक है।'' उन्होंने कहा कि विशेष रूप से छोटे शहरों और कस्बों में बीते 10 वर्षों में अभूतपूर्व निवेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता भी कई गुना बढ़ाई है। मुर्मू ने कहा, ‘‘हम जलवायु से जुड़े लक्ष्यों को निर्धारित समय से पहले प्राप्त करके दिखा रहे हैं। ‘नेट जीरो' के लिए आज भारत के प्रयास कई दूसरे देशों को प्रेरित कर रहे हैं।''

राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (इंटरनेशनल सोलर अलायंस) जैसी पहल पर आज रिकॉर्ड संख्या में दुनिया के देश हमारे साथ जुड़े हैं।

सरकार दंड की जगह न्याय को प्राथमिकता दे रही, सीएए के तहत नागरिकता मिलना प्रारंभ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार संविधान की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए ‘दंड' की जगह ‘न्याय' को प्राथमिकता दे रही है और एक जुलाई से नये आपराधिक कानूनों को लागू किया जाना इसका परिचायक है।

मुर्मू ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है और इससे, देश के बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है।

अपने अभिभाषण में मुर्मु ने कहा कि एक जुलाई से देश में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) भी लागू हो जाएगी। राष्ट्रपति ने कहा कि अंग्रेजी राज में गुलामों को दंड देने की मानसिकता थी और दुर्भाग्य से आजादी के कई दशकों बाद तक गुलामी के दौर की यही दंड व्यवस्था चलती रही।

उन्होंने कहा कि इसे बदलने की चर्चा कई दशकों से की जा रही थी, लेकिन यह साहस भी मौजूदा सरकार ने ही करके दिखाया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब दंड की जगह न्याय को प्राथमिकता होगी, जो हमारे संविधान की भी भावना है। इन नये कानूनों से न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।''

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आज जब देश अलग-अलग क्षेत्रों में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पा रहा है तब यह (न्याय व्यवस्था में बदलाव) उस दिशा में बहुत बड़ा कदम है और यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है।''

देश में मौजूदा आपराधिक कानूनों भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधन करके ‘दंड' के बजाय उनमें ‘न्याय' को प्राथमिकता दी गयी है और उनके स्थान पर संशोधित कानून, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) एक जुलाई से लागू किये जाएंगे।

मुर्मू ने कहा कि सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है और इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना सुनिश्चित हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिन परिवारों को सीएए के तहत नागरिकता मिली है मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं।'' सीएए के तहत नागरिकता प्रमाण पत्र का पहला सेट 15 मई को दिल्ली में 14 लोगों को जारी किया गया था। इसके बाद, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और भारत के अन्य हिस्सों में शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की।

उत्तर, दक्षिण व पूर्व में बुलेट ट्रेन गलियारों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन का फैसला किया गया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को संसद में अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन गलियारों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन शुरू करने का फैसला किया है।

देश में अवसंरचना के विकास को बदलते भारत की नयी तस्वीर के रूप में उभरता बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरी सरकार उन आधुनिक मानदंडों पर काम कर रही है, जिससे भारत विकसित देशों के सामने बराबरी से खड़ा हो सके।''

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत में बुलेट ट्रेन गलियारों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन शुरू करने का फैसला किया है।''' राष्ट्रपति ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई के बीच ‘हाई-स्पीड रेल इकोसिस्टम' का निर्माण कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

अहमदाबाद और मुंबई के बीच 508 किलोमीटर लंबा हाईस्पीड गलियारा देश में पहला ‘कॉरिडोर' है जिस पर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी और सूरत तथा वड़ोदरा में ठहराव के साथ पूरी दूरी केवल दो घंटे और सात मिनट में पूरी करेगी।

परियोजना का निर्माण ‘नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड' कर रहा है। उसने सूरत और बिलिमोरा के बीच परियोजना के पहले चरण के अगस्त 2026 तक पूरा होने की संभावना जताई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि 10 वर्ष में देश के 21 शहरों तक मेट्रो सुविधाएं पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में 3 लाख 80 हज़ार किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनाई हैं।

मुर्मू ने कहा, ‘‘आज भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की गति में भी दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है।''

आप ने किया राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार

आम आदमी पार्टी (आप) अपने संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में बृहस्पतिवार को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का बहिष्कार कर रही है।

‘आप' के महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भाजपा की आलोचना की और कहा कि वे अभिभाषण का बहिष्कार कर रहे हैं।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबाकारी नीति घोटाले की जांच के सिलसिले में बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।

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