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यूपीएससी का प्रवेश द्वार खोलने की करें तैयारी

10:37 AM May 30, 2024 IST

यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा यानी प्रीलिम्स प्रतिष्ठित व चुनौतीपूर्ण है। प्रीलिम्स मेन एग्जाम का प्रवेश द्वार है। हालांकि गंभीर परीक्षार्थी जिन्होंने 9-10 माह भी नियमित स्टडी की हो, मॉक टेस्ट दिये हों, उनके पास होने के चांस काफी रहते हैं। प्रीलिम्स में 2 सप्ताह शेष हैं तो दोहराने पर फोकस करें व आत्मविश्वास बनाए रखें।

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नरेंद्र कुमार
आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम देश की सबसे कठिन परीक्षा है। एक्सपर्ट कहते हैं, ‘यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने वाले 80 फीसदी से ज्यादा उम्मीदवार गंभीर नहीं होते। मुश्किल से 15 से 20 फीसदी उम्मीदवार ही गंभीर होते हैं और अगर एक नामी आईएएस कोचिंग संस्थान के निदेशक की मानें तो गंभीर छात्रों में से 50 फीसदी से ज्यादा प्रीलिम्स आसानी से निकाल लेते हैं और इस गंभीरता को बरकरार रखने वालों में 50 फीसदी से ज्यादा मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की बाधा भी पार कर लेते हैं। बता दें कि 16 जून 2024 को यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षाएं देश के 80 शहरों में आयोजित होंगी। आमतौर पर प्रीलिम्स के लिए 9 से 10 लाख उम्मीदवार आवेदन करते हैं, लेकिन करीब 5.5 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं और प्रीलिम्स परीक्षा पास करने वाले छात्रों की संख्या 10 से 15 हजार के बीच में होती है, जिनसे अंततः 1000 से 1100 के बीच सिविल सर्वेंट चुने जाते हैं।
दोहराने का क्वालिटी टाइम करें मेंटेन
मतलब वही ‘जो ठान लें, उनकी कभी हार नहीं होती।’ बहरहाल इस उत्साहपूर्ण आंकड़े के बाद अब आइये कुछ व्यावहारिक बातें जान लें। अगर पिछले नौ-दस महीनों से आपने लगातार 8-10 घंटे पढ़ाई की है, तो अब भले इस समय में कुछ कमी कर दीजिए मगर पढ़ने यानी दोहराने का क्वालिटी टाइम मेंटेन कीजिए। अब तक जाहिर है आपने प्रीलिम्स सिलेबस पढ़ चुके होंगे। चूंकि इस परीक्षा का पाठ्यक्रम बहुत विशाल है। इसलिए सब कुछ पढ़ और रट करके इसे पास करने की न सोचें, ज्यादा से ज्यादा चीजों को समझकर ही आप देश की इस सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा का प्रवेशद्वार फतह कर सकते हैं।
चार माह अध्ययन, फिर मॉक टेस्ट
यूपीएससी के सिलेबस में भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, पर्यावरण अध्ययन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा करंट अफेयर जैसे विस्तृत विषय समाहित हैं। इसलिए प्रीलिम्स की तैयारी करने का स्मार्ट तरीका यह है कि पहले चार महीनों तक इन सभी विषयों का नियमित अध्ययन किया जाए और फिर अगले चार महीनों तक प्रीलिम्स टेस्ट पेपर का अभ्यास किया जाए। इससे जहां यह पता चल जायेगा कि इस परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का कितना विस्तृत फलक होता है, वहीं यह भी कि करीब 60-65 फीसदी तक अगर ठीक वही सवाल नहीं तो कम से कम उन्हीं विषयों और संदर्भों से पूछे जाते हैं, जो पिछले पांच सालों से पूछे जा रहे हैं। कई महीनों तक प्रीलिम्स परीक्षाओं के मॉक टेस्ट दिए जाएं तो समझ में आ जाता है कि यहां सवाल पूछने की रणनीति क्या होती है और सवाल कितने विस्तृत फलक से होते हैं।
फॉर्म भरने के 8-9 महीने पहले करें शुरुआत
प्रीलिम्स पास करने के लिए इसका फॉर्म भरने के 8-9 महीने पहले अध्ययन शुरू कर देना चाहिए और आवेदन करने के कुछ महीनों के बाद से लगातार अगले कई महीनों तक सारा फोकस मॉक टेस्ट में रखना चाहिए। इससे यह अंदाजा लग जाता है कि पूछे गये सवालों की कैटेगरी क्या होती है, साथ ही परीक्षा पास करने के लिए टाइम मैनेजमेंट पर कैसे नियंत्रण रखा जाये? प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के लिए हमारी तैयारी चाहे जितनी अच्छी हो, लेकिन अगर हम पर घबराहट जरूरत से ज्यादा हावी है तो हम कम से कम अच्छा पेपर तो नहीं दे सकते। इसलिए जरूरी है कि जब परीक्षाओं के लिए महज एक पखवाड़ा समय बचा हो तो हमें नये सिरे से पढ़ने की रणनीति नहीं बदलनी, न दिन-रात अब पढ़ने पर फोकस रखना है। अब अपने आपको मानसिक तौर पर परीक्षा पास करने के लिए तैयार करना है। आपने परीक्षा देते समय कॉन्फिडेंस मजबूत रखा तो इसे पास करने के चांस में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाती है।
स्वास्थ्य को लेकर सजग रहें
अगर परीक्षाओं के समय आपका स्वास्थ्य बढ़िया नहीं रहेगा तो उससे स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो सकती हैं जो कई बार तो परीक्षा पास करने में ब बाधा बनकर उभरती हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहें। कुछ ऐसा खाने से बचें, जिससे पेट खराब हो, फूड प्वाइजनिंग हो जाये व आप बीमार पड़ जाएं। इन दिनों दोपहर को घर से बाहर न निकलें। तला, भुना और बासी न खाएं , थोड़ा बहुत एक्सरसाइज करते रहें। जिस शहर में आपका सेंटर पड़ा हो, वहां एक दिन पहले पहुंच जाएं। अपने सारे डॉक्यूमेंट्स याद करके अपने पास रखने हैं। परीक्षा में एक पखवाड़े के आसपास का ही समय बचा है तो अपनी तैयारी को गुणवत्तापूर्ण अंजाम दें। -इ.रि.सें.

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