‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए तीन विधेयक लाने की तैयारी
नयी दिल्ली, 29 सितंबर (एजेंसी)
देश में एक साथ चुनाव कराने की अपनी योजना को अमल में लाने के लिए केंद्र सरकार तीन विधेयक ला सकती है, जिनमें दो संविधान संशोधन से संबंधित होंगे। इस मुद्दे पर सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया था। प्रस्तावित पहला संविधान संशोधन विधेयक, लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान करने से संबंधित होगा। सूत्रों ने उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि प्रस्तावित विधेयक अनुच्छेद 82ए, 83(2) के अलावा अनुच्छेद 327 में संशोधन करने से संबंधित होगा। इसे 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रस्तावित दूसरा संविधान संशोधन विधेयक राज्य के मामलों से संबंधित विषयों से निपटेगा, इसलिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं द्वारा समर्थन की आवश्यकता होगी। यह स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोगों (एसईसी) के परामर्श से निर्वाचन आयोग (ईसी) द्वारा मतदाता सूची तैयार करने से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव करेगा। यह एक नया अनुच्छेद 324ए जोड़कर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ नगर पालिकाओं एवं पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान भी करेगा।
तीसरा विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों- पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू कश्मीर से संबंधित तीन कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करने वाला एक सामान्य विधेयक होगा। जिन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव है, उनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम-1963 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 शामिल हैं। प्रस्तावित विधेयक एक सामान्य कानून होगा, जिसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी और राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की भी आवश्यकता नहीं होगी।
उच्च-स्तरीय समिति ने तीन अनुच्छेदों में संशोधन, मौजूदा अनुच्छेदों में 12 नये उप-खंडों को शामिल करने और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किया है।