धान सीजन में वायु प्रदूषण कंट्रोल करने की तैयारी, एडवाइजरी जारी
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 2 सितंबर
धान सीजन में पराली जलाने की घटनाओं समेत अन्य तमाम कारणों की वजह से हर जगह फॉग फैल जाता है, जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
कई बार स्कूल-कॉलेजों, संस्थानों को बंद करने की नौबत तक आ जाती हैं, राजधानी में हवा सांस लेने लायक तक नहीं रहती। इस दौरान आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है।
इसे देखते हुए हरियाणा राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने न केवल सभी विभागों के पास एडवाइजरी भेज दी है
बल्कि उद्योग संचालकों को भी सख्त चेतावनी दे दी है कि अगर जेनरेटर को मोडिफाइड कर प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस 30 सितंबर तक न लगवाई तो जेनरेटरों को बंद कर दिया जाएगा, साथ ही नियम अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने विभागों के पास भेजी एडवाइजरी अनुसार कचरा न जलाएं, कचरा न फेंके, प्लास्टिक जलाने की घटनाओं को रोकें। इसके अलावा सड़कों के गड्ढे भरें, हाईवे के किनारों की सफाई करवाएं ताकि मिट्टी बार-बार उड़कर धुंध में इजाफा न करे।
निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री को ढक कर रखें, ग्रीननेट लगाएं ताकि जनता को परेशानी न हो। नगर निगम शहरों की सड़कों पर लगातार पानी का छिड़काव करते रहें।
पीडब्ल्यूडी सड़कों के गड्ढे भरे ताकि मिट्टी न उड़े। बन रही सड़कों पर मिट्टी कंट्रोल करने के लिए पानी का छिड़काव करते रहें, कच्ची सड़कों पर पानी का छिड़काव करते रहें। आरटीए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के चालान करें साथ ही बैन वाहनों को इंपाउंड कर जुर्माना करें।
बता दें कि हरियाणा में पिछले साल पराली जलाने के करीब 1900 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, जो कि 2021 के मुकाबले काफी कम थे।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हर स्थिति से निपटने को तैयार
सारी कवायद धान सीजन में फैलने वाले वायु प्रदूषण को हर हाल में कमी लाना है ताकि देश की राजधानी समेत अन्य क्षेत्रों में कोहरे की वजह से परेशानियों को काफी हद तक कम किया जा सके। गंभीरता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 14 सितंबर को पानीपत में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हरियाणा चेयरमैन के नेतृत्व में पानीपत, करनाल व सोनीपत के सम्बधित अधिकारियों की हाईलेवल की मीटिंग होगी।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन बोले
हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि जिला में प्रदूषण का स्तर सामान्य रहता है, क्योंकि विभाग वायु प्रदूषण रोकने के लिए समय से पहले तैयारी करता रहता है। जेनरेटर को मोडिफाइड कर प्रदूषण कंट्रोल डिवाइस लगाना अनिवार्य है अन्यथा एक अक्तूबर से जेनरेटर बंद कर दिए जाएंगे। धान के सीजन में दिन में भी धुंध छा जाती है, वायुमंडल में जहरीली हवा फैल जाती है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों के पास पत्र भेजकर एडवाइजरी जारी कर दी है ताकि हर स्थिति पर समय रहते काबू पाया जा सके।