मनु भाकर के लिए चल रहा दुआओं, प्रार्थना का दौर
झज्जर, 1अगस्त (हप्र)
पेरिस ओलम्पिक में बेशक झज्जर जिले के गांव गोरिया की मनु भाकर ने लगातार दो कांस्य पदक जीकर इतिहास रच दिया हो,लेकिन लोगों को उम्मीद है कि मनु इसी पेरिस ओलम्पिक में गोल्ड भी जीतेगी और एक ही ओलम्पिक में तीन मैडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी भी बनेगी। यही वजह है कि उनके लिए प्रार्थनाओं और दुआओं का दौर निरन्तर जारी है। यहां यह भी कहना मुनासिब होगा कि जब मनु भाकर ने पेरिस ओलम्पिक में दो कांस्य पदक जीते थे तो उनके ताऊ बलजीत सिंह ने कहा था कि बेशक मनु को दो कांस्य पदक मिल गए हो,लेकिन अभी उनके परिवार वालों ने और उनके चाहने वालों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है और उनकी उम्मीदें बरकरार है । पूरी उम्मीद है कि तीसरे 25 मीटर की शूटिंग वाले इवेंट में मनु भाकर का निशाना गोल्ड होगा।
पिस्तौल का लाइसेंस लेने के लिए करना पड़ा दो माह का इंतजार : मनु को 22 बोर की पिस्तौल का लाइसेंस लेने के लिए दो माह से अधिक समय तक संघर्ष करना पड़ा था। कारण तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर छुट्टी पर थे और उनकी अनुपस्थिति में एडीसी को लाइसेंस देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तकनीकी अड़चनों की वजह से हालात ऐसे बनें, दो माह से अधिक समय के बाद आखिरकार उनके प्रयास सफल हुए और युवा निशानेबाज लाइसेंस पाने में सफल हुईं।
म्यूजिक सुनते हुए शूटिंग की प्रैक्टिस करती है : मेरिन इंजीनियर पिता रामकिशन भाकर बताते है, जब मेरी शिप पर ड्यूटी रहती थी और मनु की मम्मी स्कूल के लिए जाती थी, उस दौरान भाई अभिषेक को उसके साथ में भेजा जाता था। मनु म्यूजिक सुनते हुए शूटिंग की प्रैक्टिस करती है।