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प्रयागराज महाकुंभ : 100 कुंडीय महायज्ञ में तीन करोड़ आहुतियां डाली जाएंगी

08:12 AM Jan 09, 2025 IST
यूपी के प्रयागराज में प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के पीठाधीश्वर डाॅ. गुणीप्रकाश चैतन्य महाराज द्वारा बनवाई गई यज्ञशाला। -हप्र

अरविंद शर्मा/हप्र
जगाधरी, 8 जनवरी
अखिल भारतीय धर्म संघ स्वामी करपात्री फाउंडेशन एवं वैदिक कायाकल्प संस्थान के तत्वावधान में महाकुंभ प्रयागराज में प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के पीठाधीश्वर डा. गुणीप्रकाश चैतन्य महाराज द्वारा 100 कुुंडीय होमात्मक महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
इसमें मंत्रोच्चारण के बीच तीन करोड़ से ज्यादा आहूतियां डाली जाएंगी। मंदिर के आचार्य त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि 13 जनवरी से 12 फरवरी तक चलने वाले इस महायज्ञ में उनके मंदिर में चल रहे गुरुकुल के छात्रों सहित फांउडेशन द्वारा चलाये जा रहे 10 गुरुकुलों से लगभग 847 छात्र भाग लेंगे। महायज्ञ 21 सौ पंडितों द्वारा कराया जाएगा। इस अवसर पर पीठाधीश्वर डा. गुणीप्रकाश चैतन्य जी महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा भी की जाएगी। त्रिलोक शास्त्री ने बताया कि प्रयागराज महायज्ञ की भूमि है, क्योंकि सृष्टि रचियता ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि का प्रथम यज्ञ यहीं पर किया गया था। इस वर्ष पूर्ण महाकुंभ में एक अद्भुत संयोग बन रहा है। त्रिलोक ने बताया कि गायत्री तपोनिष्ठ समर्थ त्रयंबकेश्वर चैतन्य महाराज व विद्या समाराधक तरुण तपस्वी डॉक्टर गुणीप्रकाश चैतन्य महाराज के सान्निध्य में हनुमानगढ़ राजस्थान की पावन धरा पर ऐतिहासिक 100 कुंडीय श्री गणेश पंचायत महायज्ञ से यज्ञ की शृंखला प्रारंभ की गई थी। उन्होंने बताया कि पूर्ण महाकुंभ 144 वर्ष में एक बार ही होता है।
पूज्य गुरुदेव द्वारा इस ऐतिहासिक महायज्ञ के लिए कोटेश्वर महादेव प्रयागराज के स्थान का चयन किया गया है। यह वह स्थान है, जहां पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण का वध करने के उपरांत ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति के लिए एक करोड़ अणुओं को जोड़कर कोटेश्वर महादेव शिवलिंग बनाया था।
आचार्य ने बताया कि गुरुकुल के सभी विद्यार्थी व महाराज प्रयागराज पहुंच गए हैं। यहां पर विशाल यज्ञशाला का निर्माण कराया गया है।

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