प्रवीण कुमार ने लगायी स्वर्णिम ऊंची कूद
पेरिस, 6 सितंबर (एजेंसी)
टोक्यो खेलों के रजत पदक विजेता भारत के प्रवीण कुमार ने शुक्रवार को यहां पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीत लिया। छोटे पैर के साथ पैदा हुए नोएडा के कुमार (21) ने छह खिलाड़ियों में 2.08 मीटर से सत्र की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई। अमेरिका के डेरेक लोकिडेंट ने 2.06 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक जीता जबकि उज्बेकिस्तान के टेमुरबेक गियाजोव ने 2.03 मीटर से तीसरा स्थान हासिल किया।
कुमार ने 1.89 मीटर से शुरुआत करने का विकल्प चुना। पहले प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की और स्वर्ण पदक जीतने के लिए शीर्ष स्थान पर बने रहे। इसके बाद कुमार और लोकिडेंट के बीच शीर्ष स्थान के लिए मुकाबला जारी रहा, लेकिन भारतीय एथलीट इसमें सफल रहा।
टी64 में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके एक पैर के निचले हिस्से में मामूली रूप से मूवमेंट कम होता है या घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते। कुमार का विकार जन्म से है जो उनके कूल्हे को बायें पैर से जोड़ने वाली हड्डियों को प्रभावित करता है। बचपन में वह अकसर अपने साथियों से तुलना के कारण हीन भावना से जूझते रहे। इस असुरक्षा से लड़ने के लिए उन्होंने खेलना शुरू किया और वॉलीबॉल में हाथ आजमाया, पर एक पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद स्पर्धा में भाग लेने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु के बाद वह पदक जीतने वाले ऊंची कूद के तीसरे एथलीट हैं।
सिमरन 200 मीटर टी12 सेमीफाइनल में
भारतीय ट्रैक एवं फील्ड एथलीट सिमरन शर्मा ने शुक्रवार को महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में अपनी हीट में शीर्ष पर रहते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। मौजूदा विश्व चैंपियन सिमरन ने 25.41 सेकेंड के समय के साथ अपनी हीट में शीर्ष स्थान हासिल करके सेमीफाइनल में जगह बनाई। पैरालंपिक खेलों में टी12 श्रेणी दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था और उन्होंने अगले 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित है। सिमरन के कोच उनके पति गजेंद्र सिंह हैं जो सेना सेवा कोर में कार्यरत हैं।