Shabad Kirtan in Gurudwara :
सोनीपत, 6 जनवरी (हप्र) : ओल्ड डीसी रोड स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, सुजान सिंह पार्क में सोमवार को गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व (Shabad Kirtan in Gurudwara) मनाया गया। श्री अखंड पाठ संपन्न होने के बाद स्त्री सत्संग सभा की ओर से कीर्तन किया गया। इस दौरान करतार सिंह ने शबद कीर्तन करके संगत को निहाल किया। ढाडी जत्था से ज्ञानी सतनाम सिंह खालसा सिंह ने संगत को गुरु गोविंद सिंह के इतिहास का श्रवण कराया।
Shabad Kirtan in Gurudwara : शस्त्र विद्या में रुचि रखते थे
गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सरदार कुलदीप सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह बाल अवस्था से ही बानी एवं शस्त्र विद्या में रुचि रखते थे। 9 वर्ष की आयु में ही गुरु गोविंद सिंह ने अपने पिता को धर्म की रक्षा के लिए अपना शीश भेंट करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह का बलिदान देश-दुनिया के अनोखे बलिदानों में शामिल है। उन्होंने अपनी माता और चार साहिबजादों को देश-धर्म की रक्षा के लिए बलिदान कर दिया था। उनका बलिदान आज भी धर्म व राष्ट्र की रक्षा के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
गुरु गोविंद सिंह ने 1699 ई. में बैसाखी वाले दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। मानवीय मूल्यों और धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन में गुरु गोविंद सिंह ने कई युद्ध लड़े थे। गुरु के चारों साहिबजादे व माता गुजर कौर धर्म परिवर्तन न करते हुए बलिदान हो गए थे।
Shabad Kirtan in Gurudwara : ‘मानस की जात सभै एकै पहचानबो’
परमजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी वाणी में लिखा है- ‘मानस की जात सभै एकै पहचानबो’। इसका मतलब है कि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं, इसलिए हमें सभी के साथ बराबरी का व्यवहार करना चाहिए। गुरु गोविंद सिंह जितने बड़े योद्धा थे उतने ही बड़े कवि भी थे। उन्होंने अनेक रचनाएं भी लिखी।
इस दौरान सरदार कुलदीप सिंह ने गुरुद्वारा साहिब में सेवा करने वाले सेवादारों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान सचिव सुरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष जसवीर सिंह, गुरजीत सिंह, मनजीत सिंह, गुरदीप सिंह, दलजीत सिंह, ध्यान सिंह, दलजीत सिंह, राकेश सचदेवा समेत अन्य संगत मौजूद रहीं।