आशीर्वाद की शक्ति
06:31 AM Oct 17, 2023 IST
Advertisement
एक दिन स्वामी विवेकानंद शिकागो की सड़कों से गुजर रहे थे। वे सोच-विचार में डूबे हुए थे और अचानक लड़खड़ाकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें इस हालत में देख एक विदेशी महिला मदद के लिए दौड़ी हुई उनके पास आई और पूछा, ‘क्या आप ठीक हैं?’ स्वामी विवेकानंद ने उनकी सहायता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। महिला ने उनके फटे-पुराने कपड़े देखकर उन्हें कुछ पैसे देने चाहे। लेकिन स्वामी विवेकानंद ने विनम्रतापूर्वक पैसे लेने से इनकार करते हुए कहा, ‘मुझे आपके पैसों की नहीं बल्कि आपके आशीर्वाद की जरूरत है।’ उनका मानना था कि आशीर्वाद और शुभकामनाएं भौतिक संपदा से अधिक मूल्यवान हैं।
Advertisement
प्रस्तुति : देवेन्द्रराज सुथार
Advertisement
Advertisement