सत्ता के भूखों को गणेश पूजा से परेशानी : मोदी
भुवनेश्वर, 17 सितंबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पिछले दिनों गणेश पूजन में भाग लिया था इसलिए कांग्रेस और उसके ‘इकोसिस्टम’ के लोग उन पर भड़के हुए हैं तथा अंग्रेजों की तरह आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे ‘सत्ता के भूखे लोगों’ को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है।
भुवनेश्वर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने यह टिप्पणी प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर उनके गणेश पूजा अनुष्ठान में भाग लेने के लिए विपक्षी दलों द्वारा आलोचना किए जाने के संदर्भ में की। इस विवाद पर पहली बार प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की। देश के कई हिस्सों में आज हो रहे गणेश विसर्जन का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि आज के इस अहम दिन देश को उन चुनौतियों पर भी ध्यान देना है, जो देश को पीछे धकेलना में जुटी हैं। मोदी ने कहा, ‘आज भी जब गणेश उत्सव होता है, हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेद नहीं, कोई फर्क नहीं, पूरा समाज एक शक्ति बनकर खड़ा होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था। आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गत बुधवार को राजधानी दिल्ली में सीजेआई के आवास पर गणपति पूजा में भाग लिया था। इस समारोह से संबंधित एक वीडियो में चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास अपने घर पर मोदी का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे थे। सीजेआई के आवास पर मोदी के पूजा में शामिल होने पर विपक्ष के कई नेताओं और सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कर्नाटक में गणेश विसर्जन के दौरान हुए एक विवाद का जिक्र करते हुए कहा, ‘इन लोगों ने भगवान गणेश की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया।’
‘प्रेरणादायक है हैदराबाद मुक्ति दिवस’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान हैदराबाद मुक्ति दिवस का भी उल्लेख किया और कहा कि आजादी के बाद ‘अवसरवादी लोग’ जिस तरह सत्ता के लिए देश के टुकड़े-टुकड़े करने के लिए तैयार हो गए थे, उन हालात में सरदार पटेल सामने आए और उन्होंने असाधारण इच्छा शक्ति दिखाकर देश को एक किया। उन्होंने कहा, ‘हैदराबाद में भारत विरोधी कट्टरपंथी ताकतों पर नकेल कसकर 17 सितंबर को हैदराबाद को मुक्त कराया गया। इसलिए हैदराबाद मुक्ति दिवस केवल एक तारीख नहीं है, यह देश की अखंडता के लिए राष्ट्र के प्रति हमारे दायित्वों के लिए एक प्रेरणा भी है।’