मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

पावर इंजीनियर्स ने की केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात

08:34 AM Jul 05, 2024 IST
केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करते ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (ए.आई.पी.ई.एफ.) का प्रतिनिधिमंडल। -हप्र
Advertisement

कुरुक्षेत्र, 4 जुलाई (हप्र)
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (ए.आई.पी.ई.एफ.) के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय विद्युत मंत्री से मुलाकात की और केंद्र से विद्युत (संशोधन) विधेयक न लाने की मांग की। ए.आई.पी.ई.एफ. के प्रवक्ता वी.के. गुप्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से नई दिल्ली में मुलाकात की और विद्युत (संशोधन) विधेयक न लाने की मांग की। उन्होंने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 में ऐसे सभी प्रावधान हैं, जिनके माध्यम से आम जनता को बेहतर और सस्ती बिजली दी जा सकती है। विद्युत मंत्री ने कहा कि वे ज्ञापन का अध्ययन करेंगे और सभी मुद्दों पर ए.आई.पी.ई.एफ. के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। प्रवक्ता वी.के. गुप्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में शैलेंद्र दुबे अध्यक्ष, पी रत्नाकर राव महासचिव, पदमजीत सिंह मुख्य संरक्षक, अजयपाल सिंह अटवाल महासचिव पी.एस.ई.बी. ई.ए. और ए.के. जैन प्रभारी कानूनी प्रकोष्ठ शामिल थे।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि केंद्र सरकार ने विद्युत वितरण के क्षेत्र में सरकारी वितरण कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग करके निजी घरानों को बिना किसी बाध्यता के बिजली वितरण की अनुमति देने के लिए विद्युत (संशोधन) विधेयक पारित करने का प्रयास किया।
निजी घराने केवल लाभदायक वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को ही बिजली प्रदान करेंगे और इस प्रकार सरकारी वितरण कंपनियों से लाभदायक क्षेत्र छीन लेंगे। पदमजीत सिंह ने कहा
कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और पुडुचेरी के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है, जबकि इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में विद्युत वितरण देश के स्थापित मानकों के अनुसार बहुत बेहतर है। केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण के निजीकरण के निर्णय को वापस लेना व्यापक जनहित में होगा।

Advertisement
Advertisement
Advertisement