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किसान आंदोलन में भीड़ जुटाने के लिए Social Media पर वीडियो डालना पड़ा भारी, केस दर्ज

12:00 PM Dec 07, 2024 IST
किसान आंदोलन में भीड़ जुटाने के लिए social media पर वीडियो डालना पड़ा भारी  केस दर्ज
सांकेतिक फोटो। पीटीआई
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नोएडा (उत्तर प्रदेश), 7 दिसंबर (भाषा)

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Farmer protest video: नोएडा पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद किसान आंदोलन में भीड़ जुटाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

गौतमबुद्ध नगर जिले में किसान आंदोलन के मद्देनजर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है जिसके तहत पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होना, जुलूस निकालना प्रतिबंधित किया गया है।

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नोएडा के सेक्टर-63 पुलिस थाना के प्रभारी निरीक्षक अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात उप निरीक्षक कृष्ण कुमार यादव की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार ड्यूटी पर तैनाती के दौरान उन्हें सूचना मिली कि गांव बहलोलपुर के निवासी अतुल कुमार यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें किसान आंदोलन में भीड़ जुटाने के लिए लोगों से आह्वान किया जा रहा है।

शिकायत के अनुसार वीडियो में यादव यह कहता सुनाई दे रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग घरों से निकलकर किसान आंदोलन में भाग लेकर किसानों की मांगों के लिए संघर्ष करें और मांगें पूरी न होने पर अधिक से अधिक गिरफ्तारी दें। उसने यह भी कहा कि वह गिरफ्तारी देने जा रहा है।

थाना प्रभारी ने कहा, ‘‘इस वीडियो के कारण 100 से ज्यादा लोग ग्रेटर नोएडा में परी चौक के पास एक्सप्रेसवे पर इकट्ठा हो गए जिससे लोक व्यवस्था प्रभावित हुई।''

उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को ‘‘दिल्ली कूच'' का प्रयास किया था लेकिन पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद वे ‘दलित प्रेरणा स्थल' पर धरने पर बैठ गए।

इसके बाद मंगलवार को 160 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया गया जिसके विरोध में बुधवार को ग्रेटर नोएडा में ‘जीरो प्वाइंट' पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया गया। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों का समाधान करने के लिए मंगलवार को ही पांच सदस्यीय समिति के गठन का ऐलान कर दिया और एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा।

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