निगम भवन के लिए दी तालाब की भूमि, हाईकोर्ट ने लगाई रोक
चंडीगढ़, 12 मार्च (ट्रिन्यू)
यमुनानगर नगर निगम के नये भवन के लिए बड़ा खेला हो गया। निगम भवन के लिए पंचायत भवन के पीछे जमीन की पहचान करके 18 अगस्त, 2020 को आवंटित कर दी गई। अहम बात यह है कि जो जमीन अलॉट की गई, वह तालाब की जमीन थी। गोविंदपुरा गांव के लोगों ने इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट की रोक के बाद अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने नयी जमीन चिह्नित की है।
यह जमीन कृषि विभाग की है। यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने 2005 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निगम भवन की घोषणा की थी। निकाय मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि नयी जमीन को मंजूरी दी जा चुकी है। कृषि विभाग से ट्रांसफर होने के बाद इसका कब्जा लेकर अगली प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सदन में ही मौजूद कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि वे गत दिवस ही फाइल पर साइन करके निकाल चुके हैं। विपुल गोयल ने कहा- मेरे पास अभी फाइल नहीं आई है। एक-दो दिन में आते ही फैसला लेंगे।
बल्लबगढ़ में बनेगा आरओबी
बल्लबगढ़ विधायक मूलचंद शर्मा ने सेक्टर-59 से 63 के रास्ते नेशनल हाईवे-44 को नेशनल हाईवे-148एनए से जोड़ने तथा सेक्टर-64 व 65 की डिवाइडिंग रोड के लिए रेलवे ट्रैक के ऊपर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाने की मांग उठाई। पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि आरओबी का कोई प्रस्ताव नहीं है। जब मूलचंद शर्मा ने आरओबी निर्माण को जरूरी बताते हुए तथ्य सदन में रखे तो कैबिनेट मंत्री ने इसके लिए सर्वे करवाने तथा जरूरी होने पर आरओबी बनवाने का ऐलान किया।