प्रदूषण से सोनीपत में हालात बिगड़े, एक्यूआई 357 पर पहुंचा
10:20 AM Nov 18, 2024 IST
सोनीपत, 17 नवंबर (हप्र)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल सोनीपत में प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है। सुबह-शाम के साथ ही रविवार रात को भी स्मॉग छाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई। कोहरा और उसमें शामिल धूल, धुएं के कणों के कारण सांस लेने में परेशानी होने लगी है। साथ ही गले में खराश महसूस होने लगी है। कई इलाकों में स्मॉग के कारण हवा दमघोंटू बनी रही।
मौसम में सर्दी बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है। सुबह-शाम तो स्मॉग छा जाता है। रविवार रात को इससे ज्यादा दिक्कत हुई। दिन में हवा चलने से मौसम थोड़ा साफ हो गया था, लेकिन शाम होते ही यह समस्या फिर बढ़ने लगी। जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ रहा है। यह बेहद खराब स्तर पर जा चुका है। रविवार सुबह एक्यूआई 360 रहा, शाम 4 बजे यह 339 दर्ज किया गया। हालांकि शाम 7 बजे यह फिर से 357 पर पहुंच गया। सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण के स्तर में और इजाफा होने की आशंका है।
पीएम-10 का स्तर 451 पहुंचा
जिले में रविवार को पीएम-10 का स्तर 451 व पीएम 2.5 का स्तर 453 तक पहुंच गया है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इसमें लोगों को परेशानी होने लगती है। जिले में प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ने के कारण जिला अस्पताल में सांस के मरीज बढ़े हैं। सांस के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से सबसे अधिक बुजुर्ग इसका शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में रोजाना 130-150 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पहले 70 से 80 सांस के मरीज पहुंचते थे।
सांस की नली में आ जाती है सूजन
छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. जेएस पूनिया के अनुसार बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्थमा में सांस नली या इससे जुड़े हिस्सों में सूजन आ जाती है। इसके चलते फेफड़ों में हवा जाने में रुकावट पैदा होती है। इससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। प्रदूषण से बुजुर्गों में अस्थमा का अटैक आने की आशंका बढ़ जाती है। अटैक आने पर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है।
बुजुर्गों को घर पर रहने की सलाह
बढ़ता प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इसमें बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। स्मॉग के साथ अनेक प्रकार के प्रदूषित तत्व मिले होते हैं। यह शरीर में जाकर सांस से संबंधित रोग के कारण बनते हैं। चिकित्सक स्मॉग में बाहर न निकलने की हिदायत देने लगे हैं। वह सुबह-शाम घूमने वालों को सावधानी बरतने की कह रहे हैं। साथ ही लोगों को बेहतर क्वालिटी का मास्क लगाने के लिए हिदायत दे रहे हैं।
''प्रदूषण फैलाने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं पराली जलाने वालों पर कृषि विभाग कार्रवाई कर रहा है। मेरी टीम भी लगातार प्रदूषण फैलाने वालों पर शिकंजा कस रही है।'' -प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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