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प्रदूषण संकट गुरुग्राम, फरीदाबाद में वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी

06:11 AM Nov 20, 2024 IST
प्रदूषण संकट  गुरुग्राम  फरीदाबाद में वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी
नयी दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्मॉग के बीच मास्क लगाये एक राहगीर। -मुकेश अग्रवाल
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गुरुग्राम/ फरीदाबाद/ नयी दिल्ली, 19 नवंबर (हप्र/ एजेंसी)
प्रदूषण संकट के चलते एनसीआर के दो शहरों गुरुग्राम और फरीदाबाद में मंगलवार को प्रशासन ने सभी कॉर्पोरेट और निजी कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम के लिए एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया है कि कम से कम आधे कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी जाये। प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली-एनसीआर में ‘ग्रेडेड रेस्पाॅन्स एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के चौथे चरण के प्रतिबंधों के तहत यह कदम उठाया गया है। दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी स्मॉग छायी रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के करीब दर्ज किया गया।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल सहित वकीलों ने भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ के समक्ष दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की बदतर होती स्थिति का जिक्र करते हुए तत्काल कदम उठाए जाने की मांग की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से शीर्ष अदालत को डिजिटल माध्यम से सुनवाई करनी चाहिए।
इस पर सीजेआई ने कहा कि सभी न्यायाधीशों से कहा गया है कि जहां भी संभव हो, वहां डिजिटल माध्यम से सुनवाई की अनुमति दी जाए। हालांकि, सीजेआई ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि शीर्ष अदालत को ऑनलाइन काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वकीलों के पास डिजिटल रूप से पेश होने का विकल्प है।
अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रोजाना करीब दस हजार वकील निजी वाहनों से आते हैं। वकीलों के क्लर्क भी अक्सर निजी वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम इसे (ऑनलाइन काम करने का विकल्प) संबंधित वकीलों पर छोड़ते हैं। हमने उन्हें यह सुविधा दी है कि आप जब भी डिजिटल माध्यम से पेश होना चाहें, आप ऐसा कर सकते हैं।’

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कृत्रिम बारिश के अनुरोध पर जवाब नहीं दे रहा केंद्र : गोपाल राय

प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को केंद्र से इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया और कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नैतिक जिम्मेदारी है। राय ने कहा कि केंद्र ने कृत्रिम बारिश की अनुमति देने के दिल्ली सरकार के बार-बार अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की है। वह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को इस संबंध में फिर से पत्र लिखेंगे।

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