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प्रदूषण का वार : सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन

08:51 AM Nov 04, 2023 IST
जींद में शुक्रवार को आसमान में छाया धुंआ। -हप्र

जींद, 3 नवंबर (हप्र)
पिछले एक सप्ताह से जींद गैस चैंबर बन गया है। दिल्ली से भी जहरीली जींद की आबोहवा हो चली है। शुक्रवार सुबह 11 बजे दिल्ली में जहां एक्यूआई 440 के आसपास था, तब जींद जिले में एक्यूआई 452 था, जो कि सेहत के लिए हर लिहाज से खतरनाक है। इससे बच्चों और बुजुर्गों तथा श्वास के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। आंखों में जलन महसूस हो रही है। दोपहिया वाहन चालकों की जलन के कारण आंखें लाल भी होने लगी हैं। जींद के सिविल अस्पताल में आंखों की एलर्जी और सांस के मरीजों की संख्या लगभग 35 प्रतिशत बढ़ गई है। सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आरएस पूनिया के अनुसार अस्पताल में बच्चों की ओपीडी 40 प्रतिशत बढ़ गई है। स्मॉग के कारण बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
एक सप्ताह से बढ़ रहा प्रदूषण : एक सप्ताह से जींद में एक्यूआई का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर में नगर परिषद द्वारा सड़कों पर पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है, लेकिन इससे भी कुछ राहत मिलती नजर नहीं आ रही। पिछले एक सप्ताह की बात करें तो 2 नवंबर को एक्यूआई 416 था। 1 नवंबर को 370, 31 अक्तूबर को 378, 30 अक्तूबर को 411, 29 अक्तूबर को 354, 28 अक्तूबर को 316 और 27 अक्तूबर को हवा में प्रदूषण का स्तर 300 था। 200 से ऊपर जाते ही हवा जहरीली होने लगती है, जो सेहत पर विपरित असर डालती है। सारा प्रशासनिक अमला फील्ड में उतरा है, ताकि धान के फसल अवशेष जलने से रोके जा सकें, लेकिन इसके बावजूद भी किसान रात के अंधेरे में फसल अवशेष जला देते हैं और फसल अवशेष का धुआं हवा में घुल जाता है। इससे स्मॉग की चादर बन जाती है। शुक्रवार को जींद में स्मॉग की चादर छाई रही, जिसमें सूर्य के दर्शन भी करीब 10 बजे जाकर हुए। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल का कहना है कि किसानों को जागरूक किया जा रहा है और फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के चालान किए जा रहे हैं।

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ड्यूटी मजिस्ट्रेट रखेंगे नजर

गुरुग्राम (हप्र) : एनसीआर में ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का तीसरा चरण लागू होने के साथ ही प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने और इसके कारणों की रोकथाम के लिए सख्त रवैया अपना लिया है। डीसी निशांत कुमार यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न प्रदूषण फैलने से रोकने के उपाय करने के लिए सभी विभागों के उच्चाधिकारियों को ड्यटी मजिस्ट्रेट की शक्तियां दी है, साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान कर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। निशांत कुमार यादव ने कहा कि सभी जोन के एसडीएम और संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस पटाखों की अवैध बिक्री और इस्तेमाल का प्रतिबंधित करवाएंगे। उद्योगों या रिहायशी क्षेत्र में डीजी सेट के इस्तेमाल को भी पूर्ण प्रतिबंधित किया गया है। इसके तहत एचएसआईआईडीसी व बिजली निगम के अधिकारियों को इस पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है।

जहरीली हो रही हवा

नारनौल (हप्र) : नारनौल में प्रदूषण के कारण हवा जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण की वजह से दिन के समय भी आसमान धुंधला रहने लग गया है। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न कंपनियों द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार नारनौल का एक्यूआई 263 रहा। जबकि नारनौल क्षेत्र में न तो पराली जलाई जाती है और न ही यहां पर कोई बड़ी इंडस्ट्री है। यातायात भी बहुत कम है। इसके बावजूद उत्तर की ओर से आने वाली हवाओं की वजह से नारनौल के वातावरण में भी प्रदूषण घुल रहा है। जिसके चलते दो-तीन दिनों से नारनौल में दिन के समय भी आसमान धुंधला रहता है।

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बीएस-6 मॉडल बसों की ही दिल्ली में एंट्री

भिवानी (हप्र) : हरियाणा के एक दर्जन से अधिक जिले इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण से गुजर रहे है। जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 400 के बीच है जो प्रदूषण की दृष्टि से हानिकारक स्तर रखता है। इसके पीछे जहां पराली को मुख्य कारण माना जाता है, वही वाहनों से निकलने वाले धुएं की भी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। इसी के चलते हरियाणा रोड़वेज की सैकड़ों बसें प्रतिदिन हरियाणा व दिल्ली में यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती है। इनको लेकर भी प्रदूषण की बात जरूर चलती है। भिवानी के रोडवेज जीएम नेत्रपाल खत्री से बताया कि दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से ऊपर चला गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा रोडवेज की सभी बसों में वायु प्रदूषण रोकने के लिए बीएस-6 मापदंडों को अपनाया गया है, जो वाहनों से निकलने वाले धुएं की रोकथाम के लिए आधुनिकतम तकनीक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज की भिवानी डिपो से 26 गाड़ियां प्रतिदिन दिल्ली के लिए जाती है। अभी बीएस-6 वाली बसें ही दिल्ली जा पाएंगी।

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