राजनीतिक तुष्टीकरण कनाडा के हित में नहीं
टोरंटो, 10 अक्तूबर (एजेंसी)
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रतिष्ठित सदस्य ने कनाडा की ‘व्यवस्था’ को लेकर चिंता जताई है। जून में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में खालिस्तान समर्थक एक अलगाववादी की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच राजनयिक गतिरोध की पृष्ठभूमि में उन्होंने आगाह किया कि अल्पकालिक लाभ के लिए राजनीतिक तुष्टिकरण कनाडा के भविष्य के हित में नहीं है। कनाडा इंडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक रितेश मलिक ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमारा अधिकार, दूसरों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास नहीं करने वालों को देकर हम जिस दिशा में बढ़ रहे हैं, वह एक देश के रूप में और कनाडावासी के तौर पर हमारे लिए बहुत चिंताजनक है। शांतिप्रिय कनाडाई ऐसी किसी विचारधारा में विश्वास नहीं करते हैं जो अतिवादी है और कनाडा से संबंधित नहीं है।’ कनाडा में खालिस्तान चरमपंथियों का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि ये लोग ‘समाज में मतभेद पैदा करते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ते हैं। वे एक नापाक एजेंडे के साथ काम करते हैं और दोनों देशों के संबंधों को पटरी से उतार रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर किसी के लिए होनी चाहिए। दुर्भाग्य से कनाडा में इस तरह की व्यवस्था बन गयी है जहां ये लोग बहुत मुखर, बहुत हिंसक, बहुत आक्रामक हैं, और वे अपने खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति की नहीं सुनते। वे किसी भी विरोधी को तंग करते हैं, धमकी देते हैं... हमला बोलने के लिए हरसंभव गैर-कानूनी तरीके अपनाते हैं।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में सिख सामने आए और कहा कि वे खालिस्तान विचारधारा में विश्वास या इसका समर्थन नहीं करते।