कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन केस: सेना के तीन लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 16 के खिलाफ केस दर्ज
कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर), 30 मई (भाषा)
Police Army Dispute: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा पुलिस थाने पर हमले में संलिप्तता के आरोप में सेना के तीन लेफ्टिनेंट कर्नल और 13 अन्य के खिलाफ हत्या और डकैती की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में यह बात सामने आई है। यह घटना मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को हुई, जब कथित तौर पर मादक पदार्थ मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा प्रादेशिक सेना के एक जवान से पूछताछ की गई।
घटना के एक वीडियो में 160 प्रादेशिक सेना के सशस्त्र और वर्दीधारी जवानों के एक समूह को पुलिस थाने पर धावा बोलते देखा गया। उनके साथ भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी थे। प्रादेशिक सेना एक सैन्य रिजर्व बल है। अंशकालिक स्वयंसेवक इसके कर्मी हैं और ये भारतीय सेना को सहायता सेवाएं प्रदान करते हैं।
प्राथमिकी के अनुसार, लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजीव चौहान और निखिल के नेतृत्व में हथियारबंद समूह जबरन पुलिस थाने के परिसर में घुस गया। उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर राइफल के हत्थे, डंडों से हमला किया ।
प्राथमिकी के अनुसार, स्थिति तब और बिगड़ गई, जब सेना के जवानों ने अपने हथियार लहराए, घायल पुलिस अधिकारियों से मोबाइल फोन छीन लिए और घटनास्थल से जाने से पहले एक पुलिस कांस्टेबल को अगवा भी कर लिया। हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उस पुलिस कांस्टेबल को मुक्त कराया और हमलावरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की।
भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें 186 (लोक सेवक के सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 307 (हत्या का प्रयास), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 147 (दंगा करने की सजा) शामिल हैं।
आरोपियों के खिलाफ धारा 149, 392 (लूटपाट के लिए सजा), 397 (लूटपाट या डकैती, जिसमें मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास किया जाता है) और 365 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि कुपवाड़ा के पुलिस उपाधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं। वहीं, श्रीनगर में एक रक्षा प्रवक्ता ने घटना को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश की और कहा कि पुलिस और सेना के जवानों के बीच झड़प और पुलिसकर्मियों की पिटाई की खबरें गलत हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों और प्रादेशिक सेना इकाई के बीच अभियानगत मामले पर मामूली मतभेदों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।