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जयराम विद्यापीठ में चला कविताओं का दौर, श्रोता हुए लोटपोट

10:51 AM Dec 13, 2024 IST
जयराम विद्यापीठ में चला कविताओं का दौर  श्रोता हुए लोटपोट
कुरुक्षेत्र के विद्यापीठ में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में प्रस्तुति देते हुए देश के विख्यात कवि। -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 12 दिसंबर (हप्र)
श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर हर वर्ष भव्य हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी गीता जयंती महोत्सव 2024 के अवसर पर जयराम विद्यापीठ परिसर में श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं के दिलों को खूब गुदगुदाया। इस मौके पर हास्य कवि सम्मेलन का आनंद लेने के लिए हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री राजेश नागर, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा सहित विख्यात कथा वाचक संजीव कृष्ण ठाकुर भी मौजूद रहे।
विद्यापीठ में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में पंडाल लोगों से खचाखच भरा रहा। देर रात्रि तक चले हास्य कवि सम्मेलन में विष्णु सक्सेना, डा. प्रवीण शुक्ल, हेमंत पांडेय, गोविंद राठी, पद्मिनी शर्मा, अनिल अग्रवंशी इत्यादि देश के विख्यात हास्य कवियों ने काफी रोचक रचनाएं सुनाई। हास्य कवियों का विधिवत स्वागत किया गया। हास्य कवि सम्मेलन का मंच संचालन अनिल अग्रवंशी ने किया। हास्य कवि अनिल अग्रवंशी ने तो अपनी रचनाओं में ठेठ हरियाणवी अंदाज में जहां सामाजिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों में कटाक्ष किए वहीं गीता की महत्ता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी को हंसाने की कला ही जीवन की वास्तविक कला है। आज जीवन में तनाव तो कहीं से भी ले लो। कानपुर से आए कवि हेमंत पांडेय ने भी अपनी रचनाओं ने जहां पारिवारिक संबंधों पर व्यंग्य किया। वहीं वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लोगों की भावनाओं के साथ पति-पत्नी के संबंधों पर कटाक्ष किए। महिला कवयित्री पद्मिनी शर्मा ने बहुत ही मार्मिक रचनाएं प्रस्तुत की। उन्होंने दिल, आत्मा और भगवान से संबंधों को बहुत ही सुंदर अंदाज में प्रस्तुत किया। महिला भावनाओं को रचना में बेहतरीन एवं दिल को छू जाने वाले अंदाज में प्रदर्शित किया।
कवि गोविन्द राठी ने तो राष्ट्रीयता एवं भारतीय संस्कृति से अपनी रचनाओं की शुरुआत की। मोबाइल से प्रभावित हो रहे जीवन एवं सामाजिक व्यवस्था को खतरे पर चिंता व्यक्त की। कवि प्रवीण शुक्ल ने तो धर्म संस्कृति के साथ बीते समय में मानवीय भावनाओं एवं रिश्तों की परिस्थितियों को अपनी रचनाओं में रखा। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण एवं अर्जुन की स्थिति को भी रखा। विख्यात कवि विष्णु सक्सेना ने भी दिल को छू जाने वाली रचनाएं पेश की। इस मौके पर श्रवण गुप्ता, कुलवंत सैनी, राजेंद्र सिंघल, पवन गर्ग, खरैती लाल सिंगला, के.के. कौशिक, टेक सिंह, राजेश सिंगला, सुनील गौरी, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, प्रतीक शर्मा इत्यादि भी मौजूद रहे।

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