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PM मोदी बोले- भूकंप के लिए चेतावनी प्रणाली विकसित करें वैज्ञानिक

01:39 PM Jan 14, 2025 IST
आईएमडी के कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी। पीटीआई फोटो

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा)

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Earthquake Warning System: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वैज्ञानिकों से भूकंप के लिए चेतावनी प्रणाली विकसित करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया और कहा कि मौसम विज्ञान में हुई प्रगति ने देश को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद की है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने देश को प्रत्‍येक मौसम और जलवायु का सामना करने के लिए 'स्मार्ट राष्ट्र' बनाने के मकसद से 'मिशन मौसम' की शुरुआत की।

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मोदी ने कहा कि हर तरह की जलवायु का सामना करने के लिए भारत एक 'स्मार्ट राष्ट्र' बने, इसके लिए हमने ‘मिशन मौसम' शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मिशन मौसम टिकाऊ भविष्य और भविष्य की तैयारियों को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।'' '

मिशन मौसम' का लक्ष्य अत्याधुनिक मौसम निगरानी तकनीक और सिस्टम विकसित करके, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वायुमंडलीय अवलोकन, अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रहों एवं उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटरों का इस्तेमाल करते हुए उच्‍च स्‍तरीय क्षमता को हासिल करना है। यह मौसम और जलवायु प्रक्रियाओं की समझ को बेहतर बनाने, वायु गुणवत्ता डेटा प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा जो लंबे समय में मौसम प्रबंधन और हस्तक्षेप की रणनीति बनाने में सहायता प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मौसम विज्ञान किसी भी देश की आपदा प्रबंधन क्षमता के लिए सबसे महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान करता है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए, हमें मौसम विज्ञान की दक्षता को अधिकतम करने की आवश्यकता है।''

वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को इस दिशा में काम करना चाहिए

उन्होंने कहा कि विज्ञान में प्रगति और इसकी पूरी क्षमता का उपयोग देश की वैश्विक प्रतिष्ठा को आकार देने के लिए आधारशिला के रूप में काम करता है। मोदी ने कहा, ‘‘भूकंप के लिए चेतावनी प्रणाली विकसित करने की जरूरत है और वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को इस दिशा में काम करना चाहिए।''

प्रधानमंत्री ने कहा कि मौसम विज्ञान प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं में काफी सुधार हुआ है जो न केवल देश के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी फायदेमंद साबित हुई है। मोदी ने कहा, ‘‘आज, हमारी बाढ़ मार्गदर्शन प्रणाली नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित पड़ोसी देशों को भी सूचनाएं दे रही है।''

आईएमडी विज़न-2047 दस्तावेज़ भी जारी किया

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी भी आपदा से प्रभावित अपने पड़ोसी देशों को मदद की पेशकश करने वाला पहला राष्ट्र बनकर उभरा है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में आयोजित समारोह में शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री ने आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस पर एक स्मारक सिक्का और मौसम संबंधी अनुकूलता और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आईएमडी विज़न-2047 दस्तावेज़ भी जारी किया। इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल हैं।

प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में आईएमडी की उपलब्धियों पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हम भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी के 150 वर्ष का जश्न मना रहे हैं। यह केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा नहीं है, यह हमारे भारत में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भी यात्रा है।''

10 वर्षों में आईएमडी की अवसंरचना और प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विस्तार

उन्होंने कहा कि आईएमडी ने न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक यात्रा का भी प्रतीक बना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक संस्थाओं में शोध और नवोन्मेष नए भारत के मिजाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए, पिछले 10 वर्षों में आईएमडी की अवसंरचना और प्रौद्योगिकी का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।''

समारोह में विश्व मौसम विज्ञान विभाग की महासचिव सेलेस्टे साउलो, पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में, पिछले 150 वर्षों के दौरान आईएमडी की उपलब्धियों, भारत को जलवायु-अनुकूल बनाने में इसकी भूमिका तथा विभिन्न मौसम और जलवायु सेवाएं प्रदान करने में सरकारी संस्थानों द्वारा निभाई गई भूमिका को प्रदर्शित करने के लिए भारत मंडपम सहित देश भर के कई स्थानों पर कार्यक्रमों, गतिविधियों और कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई है।

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