For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

PM मोदी बोले- सैन्य सामर्थ्य बढ़ाना भारत की प्राथमिकता, मकसद विस्तारवाद नहीं विकासवाद

12:43 PM Jan 15, 2025 IST
pm मोदी बोले  सैन्य सामर्थ्य बढ़ाना भारत की प्राथमिकता  मकसद विस्तारवाद नहीं विकासवाद
कार्यक्रम के संबोधित करते पीएम मोदी। वीडियो ग्रैब
Advertisement

मुंबई, 15 जनवरी (भाषा)

Advertisement

Indian Military Capability: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य अधिक सक्षम और आधुनिक होना उसकी प्राथमिकताओं में से एक है, लेकिन इसका मकसद विस्तारवाद नहीं बल्कि विकासवाद की भावना है।

मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत पूरे विश्व और खासकर ‘ग्लोबल साउथ' में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है।

Advertisement

मोदी ने आज के दिन को भारत की समुद्री विरासत, नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए ‘बहुत बड़ा' करार देते हुए कहा, ‘‘यह पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर (विध्वंसक), एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी को एक साथ नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है। गर्व की बात है कि ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।''

फ्रिगेट, युद्ध के लिए इस्तेमाल होने वाले जहाज होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और दृष्टिकोण दिया था और आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की तरफ एक बड़ा कदम उठाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य भी अधिक सक्षम और आधुनिक हो, यह देश की प्राथमिकताओं में से एक है। जल हो, थल हो, नभ हो, गहरे समुद्र हों या फिर असीम अंतरिक्ष हो, हर जगह भारत अपने हितों को सु​रक्षित कर रहा है। इस​के लिए निरंतर सुधार किए जा रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, बल्कि विकासवाद की भावना से काम करता है।''

ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में पहले उत्तरदाता के रूप में उभरा है और पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना ने हजारों लोगों की जान बचाई है और लाखों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्गो को सुरक्षित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे दुनिया भर में भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है।''

आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है जो शिवालिक श्रेणी के युद्धपोतों में महत्वपूर्ण उन्नयन को दर्शाता है। भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किए गए और मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में निर्मित आईएनएस नीलगिरि में उन्नत विशेषताएं हैं। यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से परिपूर्ण है तथा एमएच-60 आर समेत विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर का परिचालन कर सकता है।

परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों की अगली पीढ़ी का सदस्य है। इसके डिजाइन और क्षमता में सुधार किए गए हैं और यह नौसेना के सतह पर रहने वाले बेड़े का महत्वपूर्ण सदस्य है। इसे भी आईएनएस नीलगिरि की तरह वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और एमडीएल में इसका विनिर्माण किया गया है।

आईएनएस वाघशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है। यह बहुभूमिका वाला डीजल-विद्युत संचालित पोत है। तीनों युद्धपोतों का डिजाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है और इससे देश की रक्षा उत्पादन क्षेत्र में बढ़ती दक्षता रेखांकित होती है।

Advertisement
Tags :
Advertisement