Video: आसियान सम्मेलन के लिए लाऔस पहुंचे पीएम मोदी, लाओ पीडीआर में देखी रामायण की प्रस्तुति
विएंतियान, 10 अक्टूबर (भाषा)
ASEAN-India and East Asia Summit: आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को दो दिवसीय यात्रा पर लाओस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह विश्व नेताओं के साथ विचार-विमर्श को लेकर उत्सुक हैं।
Vijaya Dashami is a few days away and today in Lao PDR, I saw a part of the Lao Ramayana, highlighting the victory of Prabhu Shri Ram over Ravan. It is heartening to see the people here remain in touch with the Ramayan. May the blessings of Prabhu Shri Ram always remain upon us! pic.twitter.com/BskmfMYBdm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
लाओस जनवादी लोकतान्त्रिक गणराज्य (लाओ पीडीआर) के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफनाडोन के निमंत्रण पर मोदी देश की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। लाओस दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) का वर्तमान अध्यक्ष है।
Some glimpses from the memorable episode of Phalak Phalam or Phra Lak Phra Ram I witnessed in Lao PDR. pic.twitter.com/0XYQATl7BE
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
लाओस के गृह मंत्री विलायवोंग बौड्डखम ने हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया। इसके कुछ समय बाद होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने होटल की लॉबी में नारों के साथ उनका अभिवादन किया। उन्होंने समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत भी की।
The welcome in Lao PDR was memorable! The Indian community is clearly very connected with their roots. Also gladdening was the local people speaking in Hindi and doing a Bihu dance! Do watch… pic.twitter.com/DqcTQmPdNK
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
लाओस पहुंचने पर मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘लाओ पीडीआर पहुंच गया हूं। दुनिया के विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत को लेकर उत्सुक हूं।'' इस यात्रा के दौरान मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। बाद में मोदी ने लाओ रामायण ‘फ्रलक फ्रलाम' की प्रस्तुति देखी।
Landed in Lao PDR. Looking forward to the deliberations with various world leaders. pic.twitter.com/MCo4v2CKdP
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
‘फ्रलक फ्रलाम' आयोजन की वेबसाइट के अनुसार लाओ रामायण मूल भारतीय संस्करण से अलग है। यह 16वीं शताब्दी के अंत में लाओस पहुंचा, जिसे बौद्ध मिशन लेकर आए थे। नयी दिल्ली से लाओस के लिए रवाना होने से पहले जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि भारत इस साल ‘एक्ट ईस्ट' नीति का एक दशक पूरा कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं लाओ पीडीआर नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों को लेकर आशान्वित हूं जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जा सकेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह एक विशेष वर्ष है क्योंकि हम अपनी ‘एक्ट ईस्ट' नीति का एक दशक पूरा कर रहे हैं, जिससे हमारे राष्ट्र को काफी लाभ हुआ है। इस यात्रा के दौरान विभिन्न विश्व नेताओं के साथ बैठकें और बातचीत करूंगा।''
‘एक्ट ईस्ट' नीति का उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर निरंतर संपर्क के माध्यम से आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को विकसित करना है ताकि राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध सहित व्यापक अर्थों में बेहतर संपर्क प्रदान किया जा सके। दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) की स्थापना 1967 में हुई थी।
इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ साझेदार देश- ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हो रहे हैं। तिमोर-लेस्ते को ईएएस में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है।