PM मोदी बोले- मुट्ठी भर लोग ‘हुड़दंगबाजी' से संसद को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे
11:37 AM Nov 25, 2024 IST
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नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा)
Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले, सोमवार को सभी राजनीतिक दलों से स्वस्थ चर्चा का आह्वान किया और साथ ही यह कहते हुए विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुट्ठी भर लोग ‘हुड़दंगबाजी' से संसद को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सत्र की बैठक आरंभ होने के पहले संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र अनेक प्रकार से विशेष है और सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है।
As the Winter Session of the Parliament commences, I hope it is productive and filled with constructive debates and discussions.https://t.co/X6pmcxocYi
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2024
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उन्होंने कहा, ‘‘हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई हैं - संसद और हमारे सांसद। संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।'' मोदी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए... मुट्ठी भर लोग... हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करते रहे हैं और कुछ विपक्षी साथी भी चाहते हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।''
मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ बहुत आशा भरी नजर से देख रहा है, इसलिए संसद के समय का उपयोग वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़े हुए सम्मान को बल प्रदान करने में भी किया जाना चाहिए। संसद का यह शीतकालीन सत्र 26 दिनों तक प्रस्तावित है और इस दौरान 19 बैठकें होंगी।
हालांकि, संविधान दिवस समारोह के मद्देनजर 26 नवंबर को संसद की बैठक नहीं होगी। संविधान दिवस पर मुख्य कार्यक्रम संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया है। संसद के दोनों सदनों के सदस्य इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। संसद के इसी केंद्रीय कक्ष में 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया था।
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