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PM मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से की मुलाकात, यूक्रेन संघर्ष पर चिंता जताई

01:27 PM Sep 24, 2024 IST
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 24 सितंबर (भाषा)
Modi Zelensky Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन में संघर्ष को लेकर बेहद चिंतित हैं और देश के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ न्यूयॉर्क में उनकी मुलाकात इस संघर्ष के समाधान का मार्ग तलाशने तथा हर संभव तरीके से उसमें योगदान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह जानकारी दी। मोदी ने सोमवार को अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के समापन से पहले संयुक्त राष्ट्र के 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' से इतर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। मिस्री ने बताया कि यूक्रेन की ओर से बैठक का अनुरोध किया गया था और ‘उसी के अनुसार ही बैठक' हुई।
बैठक पर एक सवाल के जवाब में मिस्री ने कहा, 'वार्ता और कूटनीति के जरिए शांति का मार्ग तलाशने के प्रति हमारा समर्थन नयी बात नहीं है। हमारे लिए यह भूमिका निभाना स्वाभाविक है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री की बैठक भी एक तरह से इस प्रयास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, क्योंकि वह इस संघर्ष से बहुत चिंतित हैं। उनकी यह चिंता न सिर्फ संघर्ष में हो रही मानवीय क्षति के संदर्भ में है बल्कि उस क्षति के संदर्भ में भी है जिसका असर विशेष रूप से वैश्विक दक्षिणी देशों पर पड़ रहा है।'
उन्होंने कहा कि जेलेंस्की के साथ उनकी मुलाकात 'संघर्ष के समाधान की दिशा में आगे का मार्ग तलाशने तथा हर संभव तरीके से उसमें योगदान देने की उनकी प्रतिबद्धता' को 'दर्शाती' है। प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के समापन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मिस्री ने कहा कि बैठक से हाल के घटनाक्रमों का पुनः जायजा लेने का अवसर मिला।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की मेरी यात्रा के परिणामों को क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति एवं स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।'
बयान के अनुसार, मोदी ने 'कूटनीति एवं वार्ता के जरिए संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान एवं सभी हितधारकों के बीच सहभागिता के संदर्भ में भारत का स्पष्ट, दृढ़ एवं रचनात्मक दृष्टिकोण' रहा है। मोदी ने पिछले महीने कीव की अपनी यात्रा और द्विपक्षीय मुद्दों एवं रूस-यूक्रेन संघर्ष से संबंधित सभी मामलों पर हुई चर्चाओं का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत 'संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर तरह की सहायता प्रदान करने को तैयार है।'
जेलेंस्की ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'हम सक्रिय रूप से अपने संबंधों को विकसित कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी बातचीत का मुख्य फोकस अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी-20 में हमारी बातचीत को आगे बढ़ाने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करने तथा दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर था। हमने उपलब्ध अवसरों पर एक ठोस चर्चा की।'
उन्होंने कहा, 'मैं हमारी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए आभारी हूं।' सोमवार को दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक तीन महीने से भी कम समय में हुई तीसरी मुलाकात है। मोदी ने पिछले महीने कीव में यूक्रेन के नेता से मुलाकात की थी और इससे कुछ सप्ताह पहले जुलाई में प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की थी। जून में मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी।
मिस्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस बात की सराहना की कि द्विपक्षीय संबंध के कई मुद्दों पर 'सकारात्मक गति' बनी हुई है और दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर या विभिन्न अन्य स्तरों पर यात्राओं के माध्यम से निकट संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की। मिस्री ने कहा, 'जेलेंस्की ने इन मुद्दों पर ध्यान देने को लेकर भारत की तारीफ की और कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा सराहनीय रही।
उन्होंने शांति एवं संघर्ष के समाधान का मार्ग तलाशने में उनके प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के स्तर पर अंतर-सरकारी आयोग की बैठक आयोजित करने के बारे में भी चर्चा हुई। मोदी और जेलेंस्की के बीच करीब 45 मिनट बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक मोदी की अमेरिका यात्रा के समापन से पूर्व आखिरी द्विपक्षीय बैठक थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान डेलावेयर में क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की और लॉन्ग आइसलैंउ में भारतीय समुदाय के विशेष विशाल कार्यक्रम को संबोधित किया। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के इस तर्क को स्वीकार किया गया कि रूसी तेल का आयात उसके युद्ध प्रयासों को आगे बढ़ाने के रूप में नहीं है, इस पर मिस्री ने कहा, 'आज की चर्चाओं में यह मुद्दा नहीं उठा। बहुत सारे मुद्दों पर चर्चा की गई है और इस विशेष बैठक में इस खास विषय पर चर्चा नहीं की गई।'
'भविष्य के शिखर सम्मेलन' में अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि 'मानवता की सफलता युद्ध के मैदान में नहीं बल्कि हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है'। मिस्री ने कहा कि जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा शांति एवं शांति के मार्ग पर चलने की बात कहते हैं। मिस्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अगर शांति नहीं होगी तो सतत विकास नहीं हो सकता है क्योंकि ये दोनों बातें परस्पर जुड़ी हुई हैं।
मिस्री ने यह भी कहा कि यह सिर्फ वक्त बताएगा कि क्या युद्ध समाप्त होगा क्योंकि सभी का प्रयास संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता खोजने पर केंद्रित है। मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर दुनिया के कई नेताओं से बात की है और सभी इस बात पर सहमत हैं कि युद्ध को समाप्त करने का कोई रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा, 'इसके लिए हमारे प्रयास भी जारी हैं।'
यूक्रेन पर एक अन्य सवाल के जवाब में मिस्री ने कहा कि मानक पहलू पर स्पष्टता होनी चाहिए। महात्मा गांधी के कथन 'शांति का कोई मार्ग नहीं है, शांति ही मार्ग है', का जिक्र करते हुए मिस्री ने कहा कि इस पर सहमति बनाने की आवश्यकता है। मिस्री ने कहा, 'आज जो चर्चा हो रही है, वह विशिष्टताओं पर केंद्रित है।
जाहिर है कि दुनिया भर के कई मंचों पर चर्चा हो रही है।' उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रक्रियाएं चल रही हैं और विभिन्न प्रारूप हैं। अपनी कीव यात्रा के बाद से प्रधानमंत्री मोदी, पुतिन के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के भी संपर्क में हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी इस महीने की शुरुआत में रूस का दौरा किया था।
विदेश सचिव ने कहा, 'इसलिए कई बातचीत चल रही हैं। इन सभी में कोशिश कुछ खास बातों की ओर बढ़ने की है। मैं यह नहीं कहता कि वो खास बातें आज हासिल हो जायेंगी, लेकिन कोशिश यही है कि बिल्कुल वैसा ही हो।' दूसरे शांति शिखर सम्मेलन पर यूक्रेन के नेता के साथ चर्चा के बारे में पूछे गए सवाल पर मिस्री ने कहा कि बैठक में आगे का रास्ता खोजने से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
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