For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

PM Modi in Haryana: प्रधानमंत्री मोदी ने एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना' की शुरुआत

02:39 PM Dec 09, 2024 IST
pm modi in haryana  प्रधानमंत्री मोदी ने एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना  की शुरुआत
Advertisement

चंडीगढ़, 9 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Advertisement

PM Modi in Haryana: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ‘बीमा सखी योजना' की शुरुआत की। इसके तहत अगले तीन साल में दो लाख महिला बीमा एजेंट नियुक्त किए जाएंगे।

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना' के तहत 18-70 वर्ष की उम्र की 10वीं कक्षा पास महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बीमा एजेंट बनाया जाएगा। वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इन महिलाओं को पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा।

Advertisement

कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि  3 साल में 2 लाख बीमा सखी बनाई जाएंगी, जिन्हें 5 से 7 हजार मासिक भत्ता मिलेगा।


बीमा सखी योजना के माध्यम से महिलाओं को बीमा जागरूकता, योजनाओं की जानकारी और वित्तीय सुरक्षा की सुविधा प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर पानीपत में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने हुड़दंगियों और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए दो विशेष टीमें गठित की हैं। सादे कपड़ों में तैनात पुलिसकर्मी पंडाल में हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।  इनकी जानकारी पर तुरंत कार्रवाई के लिए दूसरी टीम को तैनात किया गया है।

बीमा सखी योजना के तहत महिला एजेंट को पहले वर्ष 7,000 रुपये प्रति माह, दूसरे वर्ष 6,000 रुपये प्रति माह और तीसरे वर्ष 5,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा। इसके अलावा बीमा सखियों को कमीशन का लाभ भी मिलेगा। एलआईसी की योजना तीन साल में दो लाख बीमा सखियों को नियुक्त करने की है।

प्रशिक्षण पाने के बाद ये महिलाएं एलआईसी एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं। वहीं स्नातक बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी की भूमिका के लिए अर्हता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, करनाल के मुख्य परिसर की आधारशिला भी रखी। मुख्य परिसर और छह क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन 495 एकड़ में फैले हुए हैं जिनकी स्थापना 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से की जाएगी।

विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए बागवानी का एक कॉलेज और 10 बागवानी विषयों पर केंद्रित पांच स्कूल होंगे। यह बागवानी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए फसल विविधीकरण और विश्वस्तरीय अनुसंधान की दिशा में काम करेगा।

Advertisement
Tags :
Advertisement