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जीवन से खिलवाड़ दायीं किडनी का करना था ऑपरेशन, बायीं का कर दिया

11:03 AM Aug 05, 2024 IST
जीवन से खिलवाड़ दायीं किडनी का करना था ऑपरेशन  बायीं का कर दिया
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तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 4 अगस्त
अस्पतालों में किस तरह से मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जाता है, इसका उदाहरण रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में उस समय देखने को मिला जब डाक्टर ने महिला की दाई किडनी के स्थान पर बाई किडनी का ऑपरेशन कर दिया। डाक्टर ने पहले तो अपनी गलती मानने से इनकार कर दिया। लेकिन जब ऑपरेशन के कागजात व रिपोर्ट उनकी गलती के गवाह बने तो डाक्टर ने दूसरी किडनी का फ्री ऑपरेशन करने का ऑफर दिया। लेकिन पीड़ित परिवार ने इस ऑफर को ठुकराकर कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला लिया।
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल व डाक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
गुरुग्राम के राठीवास के अजय कुमार की पत्नी गुड्डी के पेट में दर्द उठा तो वह 13 फरवरी को रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची। जहां डाक्टरों ने उसका अल्ट्रासाउंड किया। रिपोर्ट में दाई किडनी में पत्थरी (स्टोन) बताई गई। निजी अस्पताल ने उन्हें इसके उपचार के लिए नागरिक अस्पताल के निकट विख्यात प्राइवेट अस्पताल में जाने की सलाह दी। अजय का कहना है कि वह बताये अस्पताल पहुंचा और पत्नी को भर्ती करा दिया। वहां डा. अशोक गुप्ता ने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर एक्स-रे किया और तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी। देर शाम को डा. गुप्ता ने पत्थरी का ऑपरेशन कर दिया। अजय का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद दवा देने में भी चूक की गई। उसने जब सुबह इसकी शिकायत डाक्टर से की तो उन्होंने माना कि दवा देना भूल गए। अजय का कहना है कि घर पहुंचकर उन्होंने जब डिस्चार्ज समरी देखी तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। समरी में दाई के स्थान बाई ओर की किडनी का ऑपरेशन होना दर्शाया गया था। उन्होंने तुरंत फोन पर अस्पताल से संपर्क साधा और बाई ओर की किडनी की ऑपरेशन की बात कही। अस्पताल स्टाफ ने कहा कि शायद समरी रिपोर्ट गलत बन गई होगी। डाक्टर से आकर पुन: मिल लो। वह अस्पताल पहुंचा और उसकी पत्नी का पुन: अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे व सीटी स्कैन किया गया। जिसकी उन्होंने हमें कोई रिपोर्ट नहीं दी और कहा कि सब ठीक है, सिर्फ स्टंट बाई तरफ डाला हुआ है। इसके बारे में वे ऑपरेशन करने वाले डा. अशोक गुप्ता से मिल सकते हैं। 23 फरवरी को डा. अशोक से मिलवाया गया। उन्होंने कहा कि हमसे कोई गलती नहीं हुई है और ऑपरेशन सही है। अजय ने सवाल किया कि जब बाई किडनी में कोई परेशानी ही नहीं थी तो ऑपरेशन किस चीज का किया गया है। डाक्टर बातों में उलझाने लगे। जब डाक्टर को समझ आ गया कि उससे गलती हुई है तो उसने हमें दाई किडनी का फ्री ऑपरेशन करने का ऑफर दिया। साथ ही कहा कि पत्नी को अस्पताल में पुन: एडमिट कर दो, उसका स्टंट और पत्थरी दोनों निकाल देंगे। अजय ने कहा कि उसने डाक्टर के ऑफर को ठुकराकर दिया। उसने पत्नी को एक अन्य प्राइवेट अस्पताल भर्ती कराकर दाई किडनी के स्टोन का ऑपरेशन कराया। अजय ने कहा कि डा. अशोक गुप्ता की लापरवाही के कारण उसे एक ही बीमारी का दो बार इलाज कराना पड़ा। उसकी पत्नी का जीवन खतरे में पड़ गया था। अजय ने कहा कि उसने अपने कानूनविदों से बातचीत करने के बाद नगर के सिटी थाना में डाक्टर व अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी।
जांचकर्ता अधिकारी नरेश कुमार ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच के लिए नागरिक अस्पताल से संपर्क किया गया। मेडिकल बोर्ड ने जांच में पाया कि डाक्टर की लापरवाही के कारण दाई के स्थान पर बाई किडनी का ऑपरेशन किया गया। रिपोर्ट मिलने के बाद शनिवार को अस्पताल व संबंधित डाक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

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