योजना बनाकर तैयारी से भरोसा अच्छे अंकों का
डॉ. घनश्याम बादल
फरवरी से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा शुरू हो रही है। हालांकि बहुत कुछ बदल चुका है लेकिन अब भी बोर्ड की परीक्षा के विचार से ही बच्चों में भय पैदा हो जाता है। मानसिक तनाव बढ़ जाता है। जानिये, इस डर पर विजय प्राप्त करने व परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने हेतु क्या करना है-
सबसे बड़ा है आत्मविश्वास
सबसे पहले तो अपने मन से यह बात पूरी तरह से निकाल दें कि परीक्षा कोई खौफनाक चीज है। परीक्षा तो आपने जो साल भर पढ़ा है बस उसे परखने का एक जरिया मात्र है। जब आपने सालभर गहन अध्ययन पर मेहनत व योजनाबद्ध तैयारी की है तो डर कैसा? और नहीं कर पाए तो जितनी हो सकें उतनी कर लें। परीक्षा से करीब एक घंटे पहले पढ़ना बंद कर दें। आत्मविश्वास अच्छे अंक लाने का सूत्र है।
मानक पुस्तकें पढ़ें
परीक्षा तैयारी हेतु अपना अध्ययन मानक पुस्तकों से करें, खास तौर पर एनसीईआरटी या सीबीएसई की पुस्तकों में दी गई जानकारी को ही उपयोग में लाएं। बाजारू नोट्स, कुन्जी, गाइड या दूसरी शॉर्टकट उत्तरों वाली पुस्तकों से बचें।
बनाएं नोट्स
यदि अच्छे अंक व ग्रेड लाने हैं तो गहन व विस्तृत अध्ययन ही एकमात्र रास्ता है। समय कम है तो अपने नोट्स बनाकर पढ़ना ज्यादा फलदायी हो सकता है। नोट्स बनाने के लिए चाहें तो अपने कोडवर्ड बनाकर संक्षिप्त बिंदु भी तैयार कर सकते हैं।
एकाग्र रहें
मन को तनाव, बेचैनी से बचायें। एकाग्रता लाएं। जब कुछ समझ में न आ रहा हो तो थोड़ा प्राणायाम करें , लंबे सांस लें व पानी पिएं।
खान-पान व व्यायाम
खाना-पीना कतई न छोंड़े बल्कि खानपान पर पर्याप्त ध्यान दें। ज्यादा तला-भुना व ज्यादा खाने से बचें। इससे आलस्य बढ़ सकता है। तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। खुराक में कच्चे फल, सलाद, अखरोट, बादाम व जूस का आधिक्य रखें। लेकिन भूख कदापि न मारें इससे कमजोरी आ जाएगी और कमजोर होकर आप कैसे लड़ेंगे परीक्षा से? कुछ देर पसंदीदा खेल खेलें या व्यायाम करें।
जरूरी है खुद का टैस्ट
लिखकर, बिंदुवार पढ़ने से विषयवस्तु जल्दी व स्थायी रूप से मस्तिष्क में बैठती है। पॉइंट लिखकर उस पर चिंतन करें। परीक्षा से पहले ‘सेल्फ टैस्ट’ या मॉक टैस्ट अवश्य लें। इससे परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट में मदद मिलेगी।
उत्तर पुस्तिका में अच्छी प्रस्तुति
परीक्षा में घबरायें नहीं, आत्म विश्वास के साथ उत्तर लिखें। लिखने से पहले मन में योजना बना लें ताकि लिख कर काटना न पड़े, इससे उत्तर पुस्तिका साफ सुथरी रहेगी। प्रस्तुतीकरण पर विशेष ध्यान दें। बिंदुवार व सटीक प्रस्तुतीकरण सोने में सुहागे जैसा है। काट-छांट आपकी विश्वसनीयता पर शक पैदा करती है। उत्तर के महत्वपूर्ण भागों को अंडरलाइन कर दें।
ज़रूरी है टाइम मैनेजमैंट
उत्तर लिखने से पहले प्रश्न को अच्छी तरह पढ़ें,केवल वही लिखें जो पूछा गया है। अनावश्यक लिखने से अच्छे अंक नहीं आते और समय भी व्यर्थ जाता है। प्रश्नों को उनके अंक भार के अनुसार ही समय दें तथा त्रुटि सुधार हेतु कुछ समय बचाकर रखें। प्रश्न दी गई शब्द सीमा में हल करेंगे तो अंक अच्छे आएंगे।
दोस्ताना व्यवहार
माता-पिता का डर, साथियों का दबाव, सहपाठियों से तुलना, प्रतिद्वंद्विता व उच्च कक्षाओं में मनमाफिक स्कूल या विषयों में प्रवेश पाने का तनाव जैसे कई कारण हैं परीक्षा से भय के। ऐसे में अभिभावक भी जरा सावधानी बरतें व बच्चों के साथ मित्रवत् व्यवहार करें। परीक्षा कक्ष में टेंशन न लें, स्वयं के उत्तरों पर ही विश्वास रखें। जो भी लिखें पूरा विश्वास हो जाने के बाद ही लिखें।