For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

गुजरात में जगुआर क्रैश में पायलट सिद्धार्थ यादव शहीद, 10 दिन पहले हुई थी सगाई

07:19 AM Apr 04, 2025 IST
गुजरात में जगुआर क्रैश में पायलट सिद्धार्थ यादव शहीद  10 दिन पहले हुई थी सगाई
Advertisement

तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 3 अप्रैल
गुजरात के जामनगर में बुधवार की रात को भारतीय वायुसेना के क्रैश हुए लड़ाकू विमान में सवार रेवाड़ी के होनहार पायलट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। उनकी मौत की खबर जैसे ही रेवाड़ी पहुंची तो परिवार, रिश्तेदारों व मित्रों में शोक की लहर दौड़ गई। इकलौते बेटे की मौत से पूरा परिवार भारी सदमे में है। सिद्धार्थ की 10 दिन पहले ही सगाई हुई थी और 31 मार्च को रेवाड़ी से ड्यूटी पर लौटे थे।
समाचारों के अनुसार 28 वर्षीय सिद्धार्थ यादव का परिवार रेवाड़ी के सेक्टर-18 में रहता है। सिद्धार्थ छुट्टी लेकर रेवाड़ी आये हुए थे। इस दौरान उनकी सगाई हुई थी। वह अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। सगाई के बाद पूरा परिवार इकलौते बेटे के विवाह की तैयारियों में जुट गया था। विवाह की तिथि 2 नवंबर तय की गई थी। विवाह को लेकर पूरे परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ था। सगाई होने के बाद सिद्धार्थ 31 मार्च को ड्यूटी पर लौट गए थे। वह वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थे और छुट्टी पूरी होने पर जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे थे।
बुधवार की रात को पायलेट सिद्धार्थ यादव जगुआर विमान को लेकर निकले थे। इस विमान में उनके साथी मनोज कुमार सिंह भी सवार थे। उड़ान भरने के बाद जगुआर में कुछ तकनीकी खामी आने पर उसे लैंड करने के बेहद प्रयास किये गए। संभवत: सिद्धार्थ को लगने लगा कि विमान क्रैश होने की स्थिति में आ गया है। उन्होंने भारी खतरे को भांपते हुए और अपनी जान की परवाह न करते हुए विमान को घनी आबादी में गिरने से बचाने के लिए रिक्त स्थान देखने लगे। जाम नगर शहर से 10-12 किलोमीटर दूर एक गांव के खाली मैदान में उन्होंने जैसे ही विमान को उतारा तो वह क्रैश हो गया और उसमें आग लग गई। इस बड़े हादसे में सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। विमान क्रैश होते ही गांव के लोग मदद को दौड़े और उन्होंने बड़ी मेहनत से घायल साथी मनोज कुमार सिंह को अस्पताल भिजवाया। यह दुखद समाचार जब रेवाड़ी पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया और विवाह की चल रही तैयारियों को लेकर बुने गए सपने चकनाचूर हो गए।

Advertisement

पिता व परदादा भी रहे एयरफोर्स में

दिवगंत सिद्धार्थ के मामा के बेटे सचिन यादव बताते हैं कि सिद्धार्थ ने 2016 में एनडीए की परीक्षा पास कर 3 साल की ट्रेनिंग की थी। तत्पश्चात वे फाइटर पायलट की भूमिका में आ गए थे। 2 साल बाद उन्हें पदोन्नति मिली और वे फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए। सचिन बताते हैं कि सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव व परदादा भी वायुसेना में कार्यरत रहे थे। दादा अर्धसैनिक बल से सेवानिवृत हुए थे। यादव परिवार मूल रूप से रेवाड़ी के गांव भालखी माजरा का रहने वाला है। 23 मार्च को सिद्धार्थ की सगाई हुई थी और विवाह की तिथि 2 नवम्बर तय कर ली गई थी। इकलौते बेटे सिद्धार्थ की एक छोटी बहन है।

अपनी जान देकर लोगों को बचाया : कै. अजय यादव

गुजरात में एयरफोर्स के क्रैश हुए जगुआर विमान में शहीद हुए रेवाड़ी के जांबाज फाइटर पायलट सिद्धार्थ यादव की हुई शहादत को लेकर पूर्व मंत्री व कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय चेयरमैन कै. अजय सिंह यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में वे शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव ने अपनी जान पर खेलते हुए अनेक लोगों की जान बचाई है। वे चाहते तो विमान से निकलकर अपनी जान बचा सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपनी देशभक्ति व कर्तव्य परायणता की मिसाल पेश करते हुए विमान को घनी आबादी से दूर गांव के खुले मैदान में उतारा। जिसके क्रैश होने के बाद वे शहीद हो गए।

Advertisement

Advertisement
Advertisement