For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पीलीभीत तीन दशक बाद मेनका, वरुण मैदान में नहीं, भाजपा ने झोंकी ताकत

10:12 AM Apr 08, 2024 IST
पीलीभीत तीन दशक बाद मेनका  वरुण मैदान में नहीं  भाजपा ने झोंकी ताकत
Advertisement

पीलीभीत, 7 अप्रैल (एजेंसी)
पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में पिछले तीन दशक से भी ज्यादा वक्त तक अपना दबदबा कायम रखने वाले मां-बेटे यानी मेनका गांधी और वरुण गांधी इस बार इस सीट के चुनावी रण से बाहर हैं। वरुण का टिकट काटने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यहां अपने नए प्रत्याशी जितिन प्रसाद को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। भाजपा इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए जोरदार तैयारी कर रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। मेनका गांधी और वरुण गांधी वर्ष 1996 के बाद से पीलीभीत सीट पर भाजपा का झंडा लहराते रहे हैं लेकिन इस बार पार्टी ने मौजूदा सांसद वरुण गांधी के बजाय प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है। पीलीभीत में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। जितिन प्रसाद ने साल 2004 और 2009 में क्रमशः शाहजहांपुर और धौरहरा निर्वाचन क्षेत्रों से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था। वह 2021 में भाजपा में शामिल हो गए। वह इस लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने वाले उत्तर प्रदेश के एकमात्र कैबिनेट मंत्री हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य प्रसाद को पीलीभीत में अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिये जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
एक कालेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सुशील कुमार गंगवार ने कहा, ‘जितिन प्रसाद का पीलीभीत में बहुत कम प्रभाव है। अभी तक उन्हें यहां चुनावों के लिए भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए बाहरी व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।’ स्थानीय ग्राम प्रधान बाबूराम लोधी ने कहा, ‘वरुण गांधी का पीलीभीत से बहुत पुराना और गहरा नाता है। यह नाता उस भावनात्मक पत्र में झलकता है जो उन्होंने सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद लिखा था।’ इसमें उन्होंने कहा था कि उनके साथ उनका रिश्ता उनकी आखिरी सांस तक बरकरार रहेगा।

Advertisement

Advertisement
Advertisement