समय व समाज की अकथनीय संवेदनाओं के चितेरे
डॉ. वेद मित्र शुक्ल
विश्व साहित्य में इस वर्ष 2023 का अति प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार नार्वे के चौंसठ वर्षीय साहित्यकार जॉनफॉसे को दिए जाने की घोषणा हुई है। नाटक, उपन्यास, कविता, अनुवाद, बाल साहित्य आदि विधाओं में सृजनरत फॉसे के रचना-संसार में सत्तर से भी अधिक उपन्यास सहित अनेक नाटक, कविता-संग्रह, निबंध आदि की लोकप्रिय पुस्तकें शामिल हैं। मूलतः नए किस्म की नार्वेजियन भाषा यानी नीनॉर्स्क में लिखी इनकी कई रचनाओं के 50 से भी अधिक दूसरी भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। सन् 1990 के दशक के प्रारंभ तक एक कवि और उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्ध हो चुके फॉसे को जब 1992 में थिएटर से एक नाटक लिखने का प्रस्ताव मिला तब से नाटक के क्षेत्र में कदम रखते ही वो यूरोप के देशों में एक नाटककार के रूप में खास तौर से प्रसिद्ध हो गए। फ्रांस के लोकप्रिय समाचारपत्रों में से एक ले मोंडे नाम के अखबार ने उन्हें ‘21वीं शताब्दी का सेम्युलबेकेट’ कहा। 19वीं शताब्दी के महान नाटककार हेनरिक इब्सन की परंपरा में महत्वपूर्ण कड़ी फॉसे स्वयं के लेखन को सेम्युल बेकेट के साथ-साथ जॉर्ज ट्रैकल, थॉमस बर्नहार्ड, ओलाव एच. हाउगे, फ्रैंज काफ्का, विलियम फॉकनर, वर्जिनिया वूल्फ आदि से प्रभावित मानते हैं। इनके कुछ नाटकों के निर्देशन का कार्य कर चुके सारा कैमरन सुडे जॉन फॉसे के नाटकों की सफलता के पीछे इब्सन, बेकेट और पिंटर के प्रभाव को एक सीमा तक ही कारण मानते हुए एक स्थान पर लिखते हैं कि फॉसे अपने नाटकों में व्याप्त विशेष प्रकार की नाटकीयता के कारण अपने से पहले वालों से अलग हैं। न्यूयार्क टाइम्स में उनकी कृति डेथ वेरिएशन की छपी समीक्षा के हवाले से सुडे आगे कहते हैं कि उनके नाटकों में अन्य की अपेक्षा काव्यात्मक सहजता अधिक है। सुडे इनकी कृतियों में कथ्यात्मक स्तर पर आशावादी दृष्टि को प्रमुखता देते हैं। निराशा और संघर्ष के क्षणों में सदैव कुछ नया घटित होने की उनके चरित्रों में बलवती इच्छाएं कथ्य को आगे बढ़ाने में सहायक होती हैं। डेथ वेरिएशन में मुख्य चरित्र शांति की तलाश में पाता है कि जीवन जिस प्रकार अंततोगत्वा एकाकी ही रह जाता है उसी तरह से दो व्यक्तियों के बीच के संबंध भी कभी भी पूरी तरह से नहीं जुड़ पाते हैं। यही सत्य उनकी बाकी कृतियों में भी कथ्यात्मक स्तर पर कमोबेश पढ़ा जा सकता है।
इब्सन और उनकी पत्नी सुज़ाना इब्सन के संबंधों पर आधारित उनका एक नाटक सुज़ाना (2004) नाम से बहुचर्चित रहा। निश्चित रूप से इस नाटक में सुज़ाना ही मुख्य चरित्र है। यह नाटक जीवनियों पर आधारित थियेटर का एक अच्छा उदाहरण है। अपने पति की साहित्यिक प्रतिभा को आगे बढ़ाने में किस प्रकार से एक पत्नी का योगदान होता है यह तो इसमें पढ़ा ही जा सकता है, साथ ही यह भी कि समकालीन नॉर्वेजियन लेखक किस प्रकार से अपनी साहित्यिक विरासत को उदाहरण स्वरूप इब्सन के व्यक्तिगत जीवन और लेखकीय जीवन को अपनी कृतियों के माध्यम से सहेजने में रुचि रखते हैं।
समवन इज़ गोइंग टु कम होम, एंड वी विल नेवर बी पॉरटेड, द नेम, द चाइल्ड, मदर एण्ड चाइल्ड, द गिटारमैन, नाइटसॉन्ग्स, ड्रीम ऑव ऑटम, आई एम द विंड आदि उनके अन्य प्रसिद्ध नाटक हैं। इनके उनकी अन्य रचनाओं में मेलोनक्ली, मॉर्निंग एंड ईवनिंग, ए अदरनेम : सेप्टोलॉजी आदि प्रमुख हैं। हाल ही में अ न्यू नेम : सेप्टोलॉजी नामक कृति वर्ष 2022 में इंटरनेशनल बुकर प्राइज के लिए नॉमिनेट होने से चर्चा के केंद्र में रही।
कुल मिलाकर स्वीडिश अकादमी द्वारा जॉन फॉसे को उनकी औपन्यासिक रचनाओं और नाटकों द्वारा उनके समय और समाज से जुड़े अकथनीय संवेदनाओं और मुद्दों को रचनात्मक अभिव्यक्ति देने की सतत साधना को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना उन सभी लेखकों और साहित्यकारों का सम्मान है जो अंतिम व्यक्ति को अपनी कलम के माध्यम से लगातार आवाज़ देने में रत हैं।