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Phantom Limb Pain कटे हुए अंग में दर्द महसूस होने की चिकित्सीय गुत्थी

04:05 AM Jan 29, 2025 IST
phantom limb pain कटे हुए अंग में दर्द महसूस होने की चिकित्सीय गुत्थी
बेहतर मोबिलिटी में मददगार उपाय प्रोस्थेटिक
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किसी हादसे या रोग की वजह से व्यक्ति के अंग कटे होने के बावजूद वहां दर्द या तेज चुभन महसूस होती है जिसे चिकित्सीय तौर पर फैंटम लिम्ब पेन कहा जाता है। फैंटम लिम्ब पेन के कारण होने वाली समस्याओं, उपचार और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों को लेकर पीजीआई चंडीगढ़ के आर्थोपेडिक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. हिमांशु भयाना से विवेक शर्मा की बातचीत।

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क्या यह संभव है कि एक ऐसा अंग, जो शरीर में मौजूद ही नहीं है, उसमें दर्द महसूस हो? यह एक अजीब और आश्चर्यजनक स्थिति है, जिसे फैंटम लिम्ब पेन कहा जाता है। यह स्थिति मुख्य रूप से उन लोगों में देखी जाती है, जिनके हाथ, पैर या अन्य अंग किसी दुर्घटना, संक्रमण या बीमारी के कारण काटे जा चुके हैं। इस स्थिति में मरीज को कटे हुए अंग में जलन, सुई चुभने जैसी अनुभूति, या असहनीय दर्द का अनुभव होता है। इसके अलावा, निचले अंगों का विच्छेदन मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
क्या है फैंटम लिम्ब पेन?
फैंटम लिम्ब पेन एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें शरीर के कटे हुए अंग में दर्द महसूस होता है। यह दर्द क्षणिक भी हो सकता है और कभी-कभी यह लगातार बना रहता है। इस दर्द को महसूस करना बेहद कठिन होता है क्योंकि मरीज का अंग शारीरिक रूप से गायब हो चुका होता है, लेकिन तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क उसे महसूस करते हैं।
लक्षण
कटे हुए अंग में जलन : मरीज को कभी-कभी ऐसे महसूस होता है जैसे कटे हुए अंग में जलन हो रही हो। सुई चुभने जैसी अनुभूति : यह एक और लक्षण है, जिसमें मरीज को महसूस होता है कि अंग में सुई चुभ रही है। दर्द का लगातार अनुभव : मरीज को लंबे समय तक यह दर्द महसूस हो सकता है, जो कि अनियंत्रित होता है। अंग में वजन, गर्मी या ठंडक महसूस होना : कभी-कभी मरीज को लगता है कि कटे हुए अंग में भारीपन या गर्मी या ठंडक हो रही है। मांसपेशियों में ऐंठन : इस दर्द के कारण मांसपेशियों में ऐंठन का अनुभव भी हो सकता है।
कारण
न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन : जब अंग काटा जाता है, तो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मस्तिष्क का वह हिस्सा, जो कटे हुए अंग को नियंत्रित करता था, सक्रिय रहता है और दर्द का अनुभव कराता है। तंत्रिका तंत्र में दर्द की यादें बनी रहती हैं, जो दर्द को बढ़ावा देती हैं। नर्व डैमेज : कटे हुए हिस्से के पास की नसों में असामान्य गतिविधियां, जिन्हें न्यूरोमा कहा जाता है, दर्द को बढ़ा सकती हैं। दर्द का अनुभव तीव्र हो जाता है। मनोवैज्ञानिक कारक : तनाव, अवसाद की स्थिति इस दर्द को और बढ़ा सकती है। जब मरीज मानसिक रूप से कमजोर होते हैं, तो उनके दर्द का अनुभव बढ़ जाता है।
अंग विच्छेदन के बाद मानसिक सेहत समस्याएं
पीजीआई चंडीगढ़ में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि निचले अंगों के विच्छेदन से प्रभावित मरीजों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का गहन विश्लेषण किया गया। अध्ययन में पाया गया कि मरीजों को शारीरिक दर्द के साथ-साथ मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यह समस्याएं उनकी सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक स्थितियों को भी प्रभावित करती हैं।
डिप्रेशन : अध्ययन में यह पाया गया कि 48.5% मरीजों में अवसाद की समस्या थी। एंग्जायटी : 30.1% मरीज चिंता से ग्रसित थे। फैंटम लिम्ब पेन के 97.1% मरीजों ने कटे हुए अंग में दर्द की शिकायत की। प्रभावित समूह : अध्ययन में यह भी पाया गया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और कम आय वर्ग के मरीजों में अधिक थीं। इसके साथ ही, देखा गया कि यह समस्या पुरुषों में अधिक सामान्य थी, जिनकी उम्र औसतन 37.7 वर्ष थी। सामाजिक और आर्थिक प्रभाव : 83.5% मामलों में विच्छेदन सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुआ था, और मरीजों के जीवन पर इसका गहरा सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पड़ा। इसके कारण न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक समस्याएं भी उत्पन्न हुईं, जो मरीजों के आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।
उपचार : आधुनिक समाधान
फैंटम लिम्ब पेन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए कई आधुनिक चिकित्सा समाधान उपलब्ध हैं। इन उपचारों का उद्देश्य मरीजों के दर्द को कम करना और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करना है।
मेडिकल उपचार
दर्द निवारक दवाएं : नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स और ओपिओइड दर्द को कम करने में सहायक होती हैं। एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं : इन दवाओं का उपयोग तंत्रिका तंत्र के दर्द संकेतों को कम करने के लिए किया जाता है। एनस्थेटिक इंजेक्शन : कटे हुए हिस्से के आसपास अस्थायी रूप से दर्द कम करने को इन इंजेक्शनों का उपयोग किया जाता है।
थैरेपी आधारित इलाज
मिरर थैरेपी : यह तकनीक दर्पण के माध्यम से मस्तिष्क को भ्रमित कर दर्द को कम करने में सहायक होती है। मरीज दर्पण में अपने कटे हुए अंग को देखता है, जिससे मस्तिष्क को भ्रम होता है और दर्द कम होता है। फिजिकल थैरेपी : इस प्रक्रिया में मांसपेशियों को सक्रिय करने के लिए विभिन्न व्यायाम किए जाते हैं, जो दर्द में राहत देते हैं। संज्ञानात्मक व्यवहार थैरेपी (सीबीटी) : यह मानसिक तनाव कम करने और फैंटम लिम्ब पेन नियंत्रित करने में सहायक होती है।
आधुनिक तकनीक
न्यूरोमॉड्यूलेशन : रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क में विद्युत संकेत भेजकर दर्द को नियंत्रित किया जाता है। वर्चुअल रियलिटी : वर्चुअल अनुभव के जरिए तंत्रिका प्रणाली को नया अनुभव दिया जाता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। प्रोस्थेटिक डिवाइस : आधुनिक कृत्रिम अंग न केवल कार्यक्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि दर्द को भी कम करते हैं।
मनोवैज्ञानिक समाधान और पुनर्वास
मनोवैज्ञानिक सहायता : मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से अवसाद और चिंता का उपचार किया जाना चाहिए। यह मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर रखने में सहायक है। पुनर्वास कार्यक्रम : मरीजों को कृत्रिम अंग और पुनर्वास सेवाओं की जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे उन्हें शारीरिक-मानसिक रूप से बेहतर जीवन मिल सके। सामाजिक और वित्तीय सहायता : मरीजों और उनके परिवारों को परामर्श और वित्तीय मदद दी जानी चाहिए, जिससे वे इस कठिन समय को आसानी से पार कर सकें।

विच्छेदन के चार सप्ताह के भीतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का आकलन करना जरूरी है, ताकि उपचार की प्रक्रिया में कोई देरी न हो। फैंटम लिम्ब पेन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, विशेष रूप से विच्छेदन के बाद, मरीजों के जीवन को गहराई से प्रभावित करती हैं। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा, तकनीक और मनोवैज्ञानिक मदद से इन समस्याओं को काफी हद तक मैनेज किया जा सकता है।

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