पीजीआई आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त
चंडीगढ़, 17 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पीजीआईएमईआर में अस्पताल अटेंडेंट्स, सफाई कर्मियों और वाहकों सहित आउटसोर्स कर्मचारी अपनी एरियर की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर थे। हड़ताल के कारण संस्थान की सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा, लेकिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के हस्तक्षेप और सख्त आदेशों के बाद बृहस्पतिवार को सभी कर्मचारी अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौट आए। अब संस्थान की सेवाएं फिर से सुचारू रूप से चलने लगी हैं और शुक्रवार से ओपीडी तथा अन्य सेवाएं पूरी तरह बहाल हो जाएंगी।
वाल्मीकि जयंती के चलते बृहस्पतिवार को ओपीडी सिर्फ दो घंटे के लिए चालू रही, जिसमें 2,788 पुराने मरीजों को इलाज मिला। शुक्रवार से ओपीडी और अन्य सेवाएं सामान्य रूप से चालू हो जाएंगी, जिससे मरीजों को बिना किसी रुकावट के इलाज मिल सकेगा।
हड़ताल के कारण पीजीआई में नए मरीजों का ओपीडी पंजीकरण बंद कर दिया गया था। केवल पुराने मरीजों के लिए सुबह दो घंटे का पंजीकरण किया जा रहा था, जबकि सभी पूर्व निर्धारित ऑनलाइन पंजीकरण रद्द कर दिए गए थे। इस वजह से इमरजेंसी सेवाओं पर भारी दबाव देखने को मिला। हर दिन पीजीआई में इलाज के लिए करीब 12,000 नए मरीज आते हैं, लेकिन हड़ताल के चलते हजारों मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा।
हाईकोर्ट का सख्त आदेश
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पीजीआई में चल रही अनुबंध कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर सख्त आदेश दिए। कोर्ट ने अस्पताल को अनिवार्य सेवा क्षेत्र मानते हुए कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कर्मचारी काम पर वापस नहीं आते, तो चंडीगढ़ प्रशासन और पीजीआई प्रबंधन उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली
हड़ताल समाप्त होने के बाद बृहस्पतिवार को 240 सफाई कर्मी, 156 हॉस्पिटल अटेंडेंट्स और 53 वाहक अपनी निर्धारित शिफ्ट में ड्यूटी पर लौट आए। इस दौरान, पीजीआई प्रशासन ने नियमित कर्मचारियों और स्वैच्छिक संगठनों जैसे विश्व मानव रूहानी केंद्र, सुख फाउंडेशन, रोट्रेक्ट और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों की मदद से महत्वपूर्ण सेवाओं को चालू रखा।
प्रशासन ने जताया आभार
पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने उन सभी स्वैच्छिक संगठनों और स्वयंसेवकों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने हड़ताल के दौरान सेवाओं को चालू रखने में सहयोग दिया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने जानकारी दी कि हड़ताल के बावजूद, ओपीडी में 32,555 मरीजों की जांच की गई और आपातकालीन तथा ट्रॉमा ओपीडी में 2,023 मामलों का इलाज हुआ। इस दौरान 1,485 मरीजों को भर्ती किया गया और 1,892 मरीजों को छुट्टी दी गई। इसके अतिरिक्त, 409 सर्जरी, 157 कैथ प्रक्रियाएं, 78 प्रसव और 699 डे केयर कीमोथेरेपी सत्र पूरे किए गए। अब हड़ताल समाप्त होने के बाद, पीजीआई 18 अक्तूबर से सभी सेवाओं को पुनः पूरी क्षमता से शुरू करने के लिए तैयार है, जिसमें नए और पुराने मरीजों के लिए सुबह 8 से 11 बजे तक ओपीडी पंजीकरण, वैकल्पिक सेवाएं और आपातकालीन सेवाएं शामिल हैं।