PGI Chandigarh: कॉन्ट्रैक्ट यूनियन व रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से लड़खड़ाई स्वास्थ्य व्यवस्था
चंडीगढ़, 15 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
PGI Chandigarh Strike: पीजीआई चंडीगढ़ में कॉन्ट्रैक्ट यूनियन के कर्मचारियों की हड़ताल के साथ अब रेजिडेंट डॉक्टर भी विरोध में शामिल हो गए हैं, जिससे अस्पताल की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। हड़ताल के कारण दूर-दूर से इलाज के लिए आए मरीज बिना इलाज के वापस लौटने को मजबूर हैं, और अस्पताल के विभिन्न विभागों में अव्यवस्था फैल रही है। हालांकि आपात सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं। डाक्टरों का कहना है कि आपात सेवाओं में बाधा आने नहीं दी जाएगी।
यूनियन के प्रधान राजेश चौहान ने बताया कि उन्हें लगातार फोन आ रहे हैं कि उनकी बकाया पेमेंट जल्द कर दी जाएगी और उन्हें हड़ताल समाप्त करने को कहा जा रहा है। हालांकि, चौहान ने साफ किया कि जब तक उनके फोन में बकाया भुगतान की पुष्टि का मैसेज नहीं आता, हड़ताल जारी रहेगी। चौहान ने कहा, "हमें भी मरीजों से पूरी हमदर्दी है, लेकिन जब तक हमें हमारा एरिया का भुगतान नहीं मिलेगा, हम हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे।"
इसके साथ ही, रेजिडेंट डॉक्टर भी बंगाल में एक डॉक्टर के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में हड़ताल पर हैं। रेजिडेंट एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर परनीत रेड्डी ने कहा, "बंगाल प्रकरण में डॉक्टर के साथ जो हुआ, वह बेहद निंदनीय है। हमें इस मामले में इंसाफ चाहिए, और जब तक यह नहीं होता, हम हड़ताल पर बने रहेंगे।"
अस्पताल सेवाओं पर असर
हड़ताल के चलते पीजीआई की ओपीडी सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं, जिससे हजारों मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ट्रामा सेंटर में कुछ सीमित सेवाएं जारी हैं, लेकिन अन्य विभागों में इलाज की प्रक्रिया ठप पड़ी है। कई मरीज, जो दूर-दूर से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे, हड़ताल के कारण बिना इलाज के वापस लौटने पर मजबूर हो रहे हैं।
सफाई कर्मियों की भी हड़ताल, अस्पताल में गंदगी की भरमार
इस हड़ताल में सेनिटेशन विभाग के सफाई कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं, जिसके चलते अस्पताल परिसर में जगह-जगह गंदगी जमा हो गई है। सफाई सेवाएं बंद होने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।
प्रशासन के प्रयास और मरीजों की नाराजगी
अस्पताल प्रशासन लगातार हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत कर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में आ रही रुकावट से मरीज और उनके परिजन बेहद परेशान हैं। मरीजों का कहना है कि वे लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है, और उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
मरीजों की देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकताः पीजीआई निदेशक
पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि मरीजों की देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता है, और स्वयंसेवकों के योगदान की सराहना की। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने बताया कि आपातकालीन, ट्रॉमा और आईसीयू सेवाएं लगातार चालू रहेंगी। ओपीडी सेवाएं सुबह 8:00 से 10:00 बजे तक केवल फॉलोअप मरीजों के लिए उपलब्ध रही, जबकि नए मरीजों का पंजीकरण और सर्जरी स्थगित की गई हैं। डिप्टी डायरेक्टर पंकज राय ने कहा कि अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समाधान के प्रयास कर रहा है और कर्मचारियों से ड्यूटी पर लौटने की अपील की है।