गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर के प्रति लोगों को किया जागरूक
बहादुरगढ़, 14 नवंबर (निस)
आधुनिकता के इस दौर में लोग कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों की जकड़ में आ रहे हैं। बेहतर जीवन शैली, फिटनेस और समय पर उपचार के जरिए ऐसी गंभीर बीमारियों से जीवन को बचाया जा सकता है। बृहस्पतिवार को विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बहादुरगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया। मैक्स हॉस्पिटल द्वारका में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल, मिनिमल एक्सेस, बेरियाट्रिक सर्जरी विभाग के वाइस चेयरमैन डॉ. रणदीप वाधवन ने कहा कि गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर का एक ग्रुप होता है जो जीआई ट्रैक्ट और डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर डालता है। इसमें इसोफेगस, लीवर, पेट, पित्ताशय की थैली, पैंक्रियाज, छोटी आंत, कोलोन, रेक्टम और गुदा का कैंसर शामिल है। आमतौर पर ऐसे कैंसर पेट के अंदर अल्सर होने से विकसित होते हैं। रोबोटिक सर्जरी के जरिए कैंसर का बेहतर इलाज पाया जाता है। इसमें सटीकता और फुल कंट्रोल के साथ मरीज के लिए अच्छे रिजल्ट आते हैं। एचडी और 3डी विजन मिलने, 7 डिग्री तक घुमाने की फ्रीडम और बेहतर निपुणता के चलते रोबोटिक सर्जरी ने क्रांति ला दी है। जिन मरीजों की सर्जरी रोबोट की मदद से की जाती है, उन्हें अस्पताल में कम वक्त रहना पड़ता है और रिकवरी तेजी से होती है। उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल ने बहादुरगढ़ में सोनी न्यूरो और गैस्टो अस्पताल के साथ मिलकर अपनी गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल, मिनिमल एक्सेस, बेरिएट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी की ओ.पी.डी. सेवा शुरू की है। बेरियाट्रिक सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. अरुण भारद्वाज ने कहा कि हाल ही में विकसित हुई तकनीकी की मदद से पेट से जुड़े मामलों में मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया के तहत मरीज का इलाज किया जाता है। इसमें वेट लॉस सर्जरी, रोबोटिक हर्निया सर्जरी, एब्डोमिनल वॉल रिकंस्ट्रक्शन, स्प्लीन प्रिजर्वेशन सर्जरी और गॉलस्टोन/गॉल ब्लैडर को हटाने की सर्जरी शामिल हैं। डा. मनीष सोनी ने भी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति व खानपान पर विशेष ध्यान देने के लिए जागरूक किया।