पीओके के लोग खुद भारत में शामिल होना चाहेंगे : राजनाथ
नयी दिल्ली, 5 मई (एजेंसी)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर कब्जा करने के लिए हमें बल प्रयोग नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि वहां के लोग ही कहेंगे कि उन्हें भारत में विलय करना है। उन्होंने कहा कि ऐसी मांगें अब उठ रही हैं। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि पीओके हमारा था, है और हमारा रहेगा।
रक्षा मंत्री ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि वहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होंगे, लेकिन इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई। उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से स्थिति में सुधार हो रहा है, उसे देखकर मुझे लगता है कि ऐसा समय आएगा जब वहां अफस्पा की आवश्यकता नहीं होगी। यह मेरा विचार है और इस पर निर्णय गृह मंत्रालय को लेना है।' अाफस्पा सुरक्षा बलों को अभियान चलाने और बिना किसी पूर्व वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की शक्ति देता है।
रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के ‘छद्म युद्ध' का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लामाबाद को सीमा पार आतंकवाद को रोकना होगा। उन्होंने कहा, ‘वे भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं और हम ऐसा नहीं होने देंगे।'
‘नौसेना ने करिश्मा किया’
विदेशी जलक्षेत्र में व्यापारिक जहाजों को समुद्री डाकुओं से बचाने के लिए चलाए गए विभिन्न अभियानों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसेना की खुले दिल से सराहना की और कहा कि उसने करिश्मा किया है। उन्होंने दूसरे विमानवाहक पोत के निर्माण के लिए नौसेना के प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करने के संकेत भी दिए। नौसेना ने 45,000 टन वजनी दूसरे स्वदेशी विमान वाहक पोत के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने का विश्वास जताते हुए कहा कि नयी सरकार का ध्यान भारत को रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने पर होगा। सिंह ने कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा निर्यात 2023-24 में पहली बार 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया। उनके मंत्रालय ने अगले पांच-छह वर्ष में इसे बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है।