बद्दी के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर
बीबीएन, 20 अगस्त (निस)
नगर परिषद बद्दी के तहत कई स्थानों पर लगे गंदगी के ढेरों के चलते लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। लाखों रुपया प्रतिमाह खर्च होता है, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। साई मार्ग पर यूनिकेम चौक को जाने वाले मार्ग की अगर दशा देखें तो गंदगी के ढेर नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। अगर शहर में सीवरेज प्रणाली की व्यवस्था की बात करें तो नगर परिषद यह कहकर पल्ला झाड़ लेती है कि इसका जिम्मा आईपीएच विभाग के पास है।
सीवरेज की समस्या ने तो बद्दी को नरक बना दिया है। जगह-जगह लीकेज और ढक्कन खुलेआम ही देखने को मिलते हैं।
यही नहीं नगर परिषद के क्षेत्र में वर्धमान चौक से यूनिकेम चौक तक तो सड़क का किनारा गंदगी गिराने की डंपिंग साइट बनी हुई है। ऐसा लगता है कि शायद ही कभी ये कूड़े के ढेर साफ होते हों। इस दुर्दशा के चलते वह दिन दूर नहीं जब यहां से लोग पलायन को मजबूर हो जायेंगे। यहां पर बड़े-बड़े उद्योग हैं। इन उद्योगों में हजारों लोग काम पर रोजाना आते-जाते हैं। पैदल चलने वाले कामगारों का तो सड़क पर चलना दूभर है। वे अपने उद्योग तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक रास्तों को अपनाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि लोग अब शिकायत करना भी उचित नहीं समझते क्योंकि शिकायत का कोई असर ही नहीं होता। गिरधारी लाल, अशोक कुमार, सतपाल, अवतार, पंकज, शिवम, जगतार आदि ने प्रशाशन से मांग की है कि इस गंदगी से निजात दिलाई जाए।
इस बारे में जब नगर परिषद बद्दी के कार्यकारी अधिकारी आरएस वर्मा से बात की गई तो उन्होंने भी कहा कि इस क्षेत्र में गंदगी के ढेरों की सफाई न होने की शिकायत मिली है। शीघ्र ही इस और कड़ी करवाई की जाएगी और गंदगी के ढेरों से निजात दिलाई जाएगी।