जनता ने दुष्प्रचार को हराया भरोसे पर लगाई मुहर : मोदी
नयी दिल्ली, 3 जुलाई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने विपक्षी दलों के दुष्प्रचार और भ्रम की राजनीति को ठुकरा दिया और प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) को प्राथमिकता देते हुए भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 10 साल सत्ता में रहने के बाद भी किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी एक असामान्य घटना है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें देशवासियों के लिए प्रेरणा, प्रोत्साहन भी है और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृत भी किया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से नतीजे आए हैं तब से इस सदन के एक सदस्य उनकी सरकार को ‘एक तिहाई सरकार’ बता रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ, दो तिहाई बाकी। उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान 26 जनवरी को संविधान दिवस मनाए जाने के फैसले का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि संविधान की प्रति हाथ में लेकर घूमने वाले लोगों ने इसका भी विरोध किया था। सदन में मौजूद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर आपत्ति जताई और आसन से अपना पक्ष रखने का आग्रह किया। हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के लिए एजेंसियों को खुली छूट
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं बिना लाग-लपेट के कह रहा हूं कि हमने एजेंसियों को भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए खुली छूट दे रखी है। सरकार कहीं भी हस्तक्षेप नहीं करेगी।’
कश्मीर में आतंकवाद अंतिम चरण में
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से हमारी लड़ाई एक प्रकार से अंतिम चरण में है। आतंकवाद के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए हम व्यूह रचना के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’
संविधान रक्षा के लिए हमें योग्य पाया गया
मोदी ने विपक्ष पर झूठा विमर्श गढ़ने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘संविधान की रक्षा का सबसे बड़ा चुनाव 1977 का था। उस समय देश ने सत्ता पर बैठे लोगों को उखाड़ फेंका था। इस बार संविधान की रक्षा का चुनाव था तो देशवासियों ने हमें योग्य पाया।’
विपक्षी सदस्यों का सदन से बहिर्गमन
विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के बावजूद प्रधानमंत्री ने संबोधन जारी रखा। कुछ देर बाद विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। इस पर मोदी ने कहा, ‘देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती।’ मोदी द्वारा चर्चा का जवाब दिए जाने के साथ ही उच्च सदन में राष्ट्रगीत की धुन बजाये जाने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के 264वें सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
आज वे (विपक्ष) सदन नहीं, मर्यादा छोड़कर गये हैं। उन्होंने मुझे नहीं, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है। उन्होंने उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली गयी है। विपक्ष के इस व्यवहार से देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे। उन्हें आत्मचिंतन की जरूरत है।
- जगदीप धनखड़, सभापति- राज्यसभा