जान जोखिम में डाल यमुना में डुबकी लगा रहे लोग
जगाधरी, 7 मई (निस)
पिछले कई दिनों से गर्मी पूरे शबाब पर है। चालीस पार चल रहे पारे से सभी बेहाल हैं। आसमान से बरस रही आग से राहत पाने के लिए लोग विशेषकर युवा जान जोखिम में डालकर यमुना नहर, यमुना नदी व सोमनदी में डुबकी लगा रहे हैं। इस सीजन में अब तक विभिन्न कारणों से एक दर्जन के करीब लोग डूबने से अपनी जान गंवा चुके हैं।
वहीं, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से डूबने वाले हादसे रोकने के लिए घाटों व हादसे के प्वाइंटों पर चौकसी बढ़ाने की मांग की है। डुबकी लगाने वालों के लिए कई बार ये राहत मौत बन जाती है।
पश्चिमी यमुना नहर, सोम व यमुना नदी में गर्मियों के दिनों में दोपहर व शाम के समय बड़ी संख्या में लोग विशेषकर युवा नहाने के लिए पहुंचते हैं। इनमें से कईयों को तैरना तक नहीं आता। ऐसे में वह नहाते हुए गहराई में उतर जाते हैं। जानकारों की माने तो हर वर्ष लगभग दर्जनों युवा नहाते हुए जान गंंवा बैठते हैं। जगाधरी इलाके के फतेपुर, दड़वा, अमादलपुर, बूडिया, दादूपुर के अलावा ताजेवाला, हमीदा हेड, बाड़ी माजरा आदि घाटों पर सबसे अधिक हादसे होते हैं। इसके अलावा सोमनदी, यमुना नदी के घाटों पर भी हादसे होते हैं।
पश्चिमी यमुनानहर, सोमनदी व यमुनानदी में खनन खुदाई के चलते कई जगहों पर गहरे कुंड बने हुए हैं। ये भी जानलेवा साबित होते हैं। पांच दिन पहले प्रतापनगर के नजदीक यमुना नहर में डूबने से दो छात्रों की मौत हुई। बीते कल दादुपुर हैड पर एक युवती की डूबने से मौत हुई।
विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व दूसरे संगठनों से जुड़े आशीष मित्तल, संजीव धीमान, पंकज कुमार मित्तल, अतुल गोयल, संजीव गुप्ता, अनीश कुमार गोयल, पंकज रोहिल्ला, मेघा गर्ग, मनोज धीमान, डिंपल मित्तल, नवीन गर्ग आदि का कहना है कि ज्यादा
हादसे युवाओं के साथ हो
रहे हैं। अभिभावकों को इसे लेकर सजग रहना चाहिए।