हरियाणा में 3 साल में 3 लाख बुजुर्गाें की पेंशन हुई बंद
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 12 अगस्त हरियाणा में पिछले तीन सालों के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने करीब तीन लाख लोगों की पेंशन रोकी है। यह पेंशन लाभार्थियों की मौत के बाद रुकी है। हालांकि राज्य में इस तरह का घोटाला भी सामने आ चुका है, जिसमें मरने के बाद भी करीब 92 हजार बुजुर्गों के बैंक खातों में बरसों तक पेंशन जाती रही। जिन लोगों की पेंशन कटी हैं, उनमें बुजुर्गों की संख्या अधिक है और बड़ी संख्या में विधवा महिलाओं की भी पेंशन बंद हुई है।
पेंशन के मसले पर विधानसभा में भी कई बार सवाल उठते रहे हैं। बड़ी बात यह है कि सरकार ने नई पेंशन बनवाने के लिए कागजी कार्रवाई को अब पूरी तरह से खत्म कर दिया है। पेंशन को परिवार पहचान-पत्र के साथ जोड़ने के बाद अब उन बुजुर्गों की पेंशन खुद ब खुद शुरू हो जाएगी, जिनकी उम्र 60 साल होगी। पीपीपी में परिवार से जुड़ी तमाम तरह की जानकारियां दर्ज हैं। पीपीपी में जैसे ही किसी की आयु 60 साल होगी, उसकी पेंशन लागू हो जाएगी। हालांकि इससे पहले विभाग के अधिकारी संबंधित लाभपात्र के घर जाएंगे। उससे पूछा जाएगा कि उसे पेंशन चाहिए या नहीं। अगर संबंधित व्यक्ति पेंशन की मांग करेगा तो उसके तुरंत बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा। पीपीपी एक्टिव होने के बाद सरकार अभी तक 30 हजार से अधिक ऐसे बुजुर्गों को चयनित कर चुकी है, जो पेंशन के पात्र हैं। उन सभी के घर जाकर सरकार यह पता करवा रही है कि वे पेंशन लेंगे या नहीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 से लेकर अभी तक कुल 2 लाख 92 हजार 789 बुजुर्गों की पेंशन काटी गई। इनमें से 2 लाख 77 हजार 115 बुजुर्गों की पेंशन उनकी मौत के कारण बंद हुई। इसी तरह से विधवा पेंशन ले रही महिलाओं में से 56 हजार 338 की पेंशन रोकी गई। इनमें से भी 52 हजार 479 महिलाओं की मौत हो चुकी है। बाकी बुजुर्गों एवं विधवा महिलाओं की पेंशन नियमों के उल्लंघन के चलते कटी है।
जान-बूझकर पेंशन काट रही सरकार : कुंडू महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार बुजुर्गों एवं विधवाओं की पेंशन जान-बूझकर काट रही है। सरकार की नीयत में खोट है। जजपा ने अपने चुनावी वादों में पेंशन को बढ़ाकर 5100 रुपये करने की बात कही थी। यह वादा पूरा करना तो दूर अब बुजुर्गों की पेंशन ही काटनी शुरू कर दी है।
शर्त न लगाए सरकार : सिहाग बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि चौ़ देवीलाल ने बुजुर्गों के सम्मान के लिए पेंशन की शुरुआत की थी। उन्होंने पेंशन के लिए किसी तरह की आय की सीमा तय नहीं की थी। हरियाणा में वर्तमान में आय सीमा दो लाख रुपये सालाना है। इस तरह की शर्ते पेंशन में नहीं लगाई जानी चाहिए। सरकार सभी बुजुर्गों को पेंशन दे।