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फिर निकल आया पेगासस का जिन्न

05:00 AM Dec 23, 2024 IST
फिर निकल आया पेगासस का जिन्न
प्रतीकात्मक चित्र
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नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)
इस्राइल की साइबर सुरक्षा कंपनी ‘एनएसओ ग्रुप’ के पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कथित जासूसी का जिन्न एक बार फिर निकल आया है। अमेरिका की एक अदालत द्वारा 2019 के व्हाट्सएप हैकिंग मामले में एनएसओ को जिम्मेदार ठहराये जाने के बाद भारत में सियासत गरमा गयी है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि अमेरिका में पेगासस मामले का फैसला साबित करता है कि कैसे अवैध स्पाइवेयर रैकेट में भारतीयों के 300 व्हाट्सएप नंबरों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने सवाल किया कि अब फैसले के मद्देनजर क्या सुप्रीम कोर्ट आगे की जांच कराएगा?
सुरजेवाला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जवाब दे कि जिन 300 नामों को निशाना बनाया गया, वे कौन थे।’ कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘दो केंद्रीय मंत्री कौन हैं? तीन विपक्षी नेता कौन हैं? संवैधानिक अधिकारी कौन हैं? पत्रकार कौन हैं? व्यवसायी कौन हैं? भाजपा सरकार और एजेंसियों ने कौन सी जानकारी हासिल की? इसका किस तरह से इस्तेमाल किया गया, दुरुपयोग किया गया और इसका क्या नतीजा निकला?’ उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या अब मौजूदा सरकार के नेताओं या अधिकारियों, एनएसओ कंपनी के खिलाफ उचित आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। सुरजेवाला ने कहा, क्या सुप्रीम कोर्ट मेटा बनाम एनएसओ मामले में अमेरिकी अदालत के फैसले पर ध्यान देगा? क्या सुप्रीम कोर्ट 2021-22 में पेगासस पर तकनीकी विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करेगा और जांच कराएगा?
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व्हाट्सएप के सर्वर में सेंध का आरोप साबित

इस्राइली कंपनी एनएसओ के खिलाफ अमेरिका में व्हाट्एस ने 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। शुक्रवार को अमेरिकी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एनएसओ ने हैकिंग के लिए व्हाट्सएप के सर्वर में मालवेयर भेजकर कानूनों का उल्लंघन किया।

300 भारतीय मोबाइल नंबरों को निशाना बनाने की रिपोर्टों पर मचा था बवाल

साल 2021 में ऐसी रिपोर्टें आयीं थी कि दुनियाभर में निशाना बनाए गये 1400 व्हाट्सएप यूजर्स में से 300 भारतीय मोबाइल नंबरों में कथित तौर पर पेगासस के जरिये सेंधमारी की गयी। इनमें मोदी सरकार के दो मंत्रियों, विपक्ष के तीन नेताओं के भी नंबर थे। वहीं, मोबाइल फोन निर्माता कंपनी एपल ने भी इस संबंध में अलर्ट मैसेज भेजे थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। मामले की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने पेगासस के अनधिकृत इस्तेमाल में शामिल होने के आरोपों से इनकार किया था।

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