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रखें ध्यान कायदे-कानूनों का

07:53 AM Apr 19, 2024 IST
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विवेक कुमार
भारत की अद्वितीय जैवविविधता की प्रसिद्धि दुनिया में है। हर साल दुनिया से लाखों पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। पूर्व हो या पश्चिम, उत्तर हो या दक्षिण, भारत के जंगलों में दुनिया के दुर्लभतम‍् जानवर पाये जाते हैं। इन घने जंगलों, घास के मैदानों और दलदलों में स्थित भारत के जंगलों में देखने के लिए बहुत कुछ होता है। अगर आप भी गर्मी के इन छुट्टियों में कहीं घूमने के लिए जा रहे हैं तो जंगल की सफारी का भी मजा ले सकते हैं। इसके लिए हालांकि पहले से बुकिंग करानी होती है और इसके कुछ नियम कायदे-कानून होते हैं।
हर जंगल सफारी में अनुभवी गार्ड और पार्क के अधिकारियों द्वारा जो सुरक्षा निर्देश जारी किए जाते हैं, उनके बारे में पर्यटकों को पहले से अवगत कराया जाता है। उनकी जरा-सी भी अनदेखी पर्यटकों के लिए ही नहीं बल्कि वन्यजीव दोनों की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है। सफारी के लिए सबसे पहला नियम तो यह है कि जंगल के भीतर कोई भी अपना पर्सनल वाहन नहीं ले जा सकता। इसके लिए जंगल प्रशासन द्वारा ही गाड़ी मुहैय्ाा करायी जाती है। सफारी के दौरान रंग-बिरंगे कपड़े पहनने की बजाय ब्राउन और हरे रंग के कपड़े जो वहां के वातावरण से मेल खाते हैं, उन्हें ही पहनकर जाना चाहिए। सफारी के दौरान गाड़ी से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जानवरों को नजदीक से देखने का मोह नहीं पालना चाहिए। सफारी की गाड़ी खुली होती है, जिसमें आप इत्मीनान से अगर जंगली जानवर दिखता है तो उसे देख सकते हैं।
हालांकि यह जरूरी नहीं कि आपको जानवर पास से देखने को मिले, क्योंकि सफारी द्वारा जंगल के भीतर जो रास्ता बनाया जाता है, उसी सड़क पर चलना होता है। इन रास्तों को पर्यटकों की सुरक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण को मद्देनजर रखते हुए बनाया जाता है। गाड़ी से बाहर निकलकर जानवर को नजदीक से देखने के चक्कर में या उसको करीब से फोटो लेने से भी बचना चाहिए। वैसे तो जंगल की सफारी में फ्लैश फोटोग्राफी की अनुमति नहीं दी जाती; क्योंकि कैमरे की फ्लैश से जानवर परेशान हो सकते हैं और वो घबराकर आप पर हमला भी कर सकते हैं।


सफारी का उद्देश्य वन्यजीवों को दूर से देखना होता है। उनको बहुत करीब से देखने के चक्कर में उनके पास नहीं जाना चाहिए। क्योंकि इससे वे डर सकते हैं, तनाव में आ सकते हैं और आप पर हमला भी कर सकते हैं। यदि आपके साथ गाइड है तो आप उसे ज्यादा करीब ले जाने के लिए नहीं कह सकते। उसे देखने के लिए दूरबीन या लंबी दूरी के कैमरा लैंस रखने चाहिए।
जानवरों को देखकर उन्हें आवाजें लगाना, भयानक आवाजें निकालना, इससे उनका प्राकृतिक व्यवहार बिगड़ सकता है। उनके पास जाकर अनावश्यक शोर नहीं करना चाहिए, न ही संगीत बजाना चाहिए। तेज आवाज वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की मनाही होती है। इससे भी बचना चाहिए। यदि आपको जानवर पास से दिखाई दे तो उन्हें खाने के लिए कुछ न दें। इससे उनको स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं और उनके भोजन का चक्र बदल सकता है। सफारी से उतरकर इधर उधर पैदल न घूमें। यदि गलती से आप रास्ता भटक गये हैं या खो जाते हैं तो हो सकता है खतरनाक जीवों से आपका सीधे सामना हो जाए और आपकी जान भी जा सकती है।
जंगल में खाने के लिए आप जो भी सामान लेकर जाते हैं, कोल्ड डि्रंक की बोतल, पानी की बोतलें, चिप्स के पैकेट इन सबका कूड़ा वहां न छोड़कर आएं बल्कि इन्हें अपने साथ लाएं। जंगल में रहने वाले स्थानीय आदिवासियों से भी अनावश्यक मेलमिलाप न करें। उनकी तस्वीर उनकी अनुमति के बगैर न लें। आदिवासियों की संस्कृति और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए उनकी गरिमा बनाये रखें और उनकी परंपराओं तथा प्रथाओं का उल्लंघन न करें। इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर
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