Pauranik Kathayen: कौन थी दशानन रावण की पुत्री, जिसे हो गया था रामभक्त हनुमान जी से प्रेम
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Pauranik Kathayen: रामायण में दशानन रावण की पत्नी व उनके दो पुत्रों का वर्णन किया गया है। इसके मुताबिक, रावण व उनकी पत्नी मंदोदरी को दो पुत्र मेघनाथ व अक्षय कुमार थे।
रामायण व अन्य ग्रंथों में उनकी पुत्री का कोई जिक्र नहीं है लेकिन थाइलैंड की रामकियेन रामायण और कंबोडिया की रामकेर रामायण में रावण की पुत्री का जिक्र किया गया है। इसके अलावा प्राचीन भारतीय महाकाव्य रामायण का इंडोनेशियाई संस्करण बाली रामायण, जिसे "काकाविन रामायण" के नाम से भी जाना जाता है, उसमें भी रावण की पुत्री का जिक्र मिलता है।
इनके मुताबिक, रावण की पुत्री का नाम सुवर्णमछा था। कहा जाता है कि वह बहुत ही खूबसूरत थी और उसका शरीर सोने की तरह चमकता था। रामकियेन रामायण और रामकेर रामायण के अनुसार, जब लंका जाने के लिए वानर समुद्र में पत्थर डाल रहे थे तो वह अपने आप गायब होने लगे थे। जब हनुमान जी ने समुद्र के अंदर जाकर देखा तो एक कन्या कुछ लोगों को पत्थर उठाने का निर्देश दे रही है।
हनुमान जी को देखते ही सुवर्णमछा उन्हें दिल दे बैठी लेकिन हनुमान जी उनके मन को भांप गए। हनुमान जी ने कन्या से जब परिचय पूछा तो उसने बताया कि वह रावण की पुत्री सुवर्णमछा है और वह अपने पिता की सहायता कर रही है।
इसपर हनुमान जी ने उन्हें समझाया कि वह अधर्म कर रही है। तब सुवर्णमछा ने सभी पत्थर लौटा दिए और इस तरह रामसेतु का निर्माण पूरा हुआ।