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Pauranik Kathayen: जब अपने ही पुत्र को कोढ़ी होने का श्राप दे बैठे थे श्रीकृष्ण? जानें रोचक कहानी

07:42 PM Dec 16, 2024 IST
pauranik kathayen  जब अपने ही पुत्र को कोढ़ी होने का श्राप दे बैठे थे श्रीकृष्ण  जानें रोचक कहानी
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चंडीगढ़, 16 दिसंबर (ट्रिन्यू)

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Pauranik Kathayen : भगवान श्रीकृष्ण बचपन से ही बहुत चंचल और शरारती स्वभाव के ही थे। उनकी शरारतों के किस्से भी दुनियाभर के लोग जानते हैं। मगर, क्या आप जानते हैं कि श्रीकृष्ण स्वभाव से जितने चंचल थे उतने ही गुस्सैल भी। इसी गुस्से के चलते उन्होंने अपने ही पुत्र को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया था।

कथाओं के अनुसार, जामवंत की बेटी जामवंती का विवाह श्रीकृष्ण से हुआ था, जिनसे उन्हें सांबा नाम का पुत्र प्राप्त हुआ। सांबा का जन्म भगवान शिव की कृपा से प्राप्त हुआ था, जो बहुत ही सुंदर और शरारती थी। श्रीकृष्ण की कई पटरानियां उन पर मोहित हो गई थी। पौराणिक कहानी के अनुसार, श्रीकृष्ण की एक पटरानी ने सांबा की पत्नी का रूप धारण कर उसका आलिंगन किया।

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जब श्रीकृष्ण को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपने ही पुत्र को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया। हालांकि बाद में श्रीकृष्ण ने अपनी जल्दबाजी के लिए पश्चाताप किया और सांबा के इलाज के लिए सूर्य भगवान से प्रार्थना की। सांबा ने चंद्रभागा नदी के तट पर 12 साल सूर्य भगवान की तपस्या की।

तब सूर्यदेव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें चंद्रभागा नदी में स्नान करने लिए कहा, जिससे वह कोढ़ी होने के श्राप से मुक्त हो गया। बाद में सांबा ने सूर्य के सम्मान में कोनार्क सूर्य मंदिर का निर्माण किया। कहा जाता है कि आज भी चंद्रभागा नदी में स्नान करने से व्यक्ति कोढ़ मुक्त हो जाता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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